जीएसटी रैकेट का भांडाफोड़, कमिश्नर की पत्नी रिश्वत में पैसे के अलावा लेती थी टीवी-फ्रिज और मोबाइल

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कानपुर में तैनात जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क (आबकारी) विभाग के आयुक्त समेत 9 लोगों को घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

जीएसटी के नाम पर एक बड़े रिश्वत रैकेट का भांडाफोड़ हुआ है। सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई में उत्तर प्रदेश के कानपुर में तैनात एक जीएसटी आयुक्त को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई घूस लेने के आरोप में की गई है। सीबीआई ने कानपुर में जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद आयुक्त पद पर तैनात संसार चंद सहित 7 लोगों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में आयुक्त समेत 3 सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। एक सीबीआई अधिकारी ने बताया, "कानपुर में जीएसटी एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त के रूप में कार्यरत 1986 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी संसार चंद और विभाग के तीन अधीक्षकों, अजय श्रीवास्तव, अमन शाह और राजीव चंदेल के अलावा सीबीआई ने कार्यालय के एक कर्मचारी सौरभ पांडे और तीन अन्य को भी गिरफ्तार किया है।

सीबीआई का आरोप है कि कानपुर में जीएसटी के आयुक्त संसार चंद एक संगठित रिश्वत रैकेट चला रहे थे। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आबकारी अधिकारियों ने गलत तरीके से धन उगाही के लिए बिचौलिए अवस्थी के जरिए कई लोगों से संपर्क किया। सीबीआई ने कहा कि निजी पार्टियों के खिलाफ केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा कार्रवाई से बचने के लिए मासिक या तिमाही आधार पर रिश्वत ली गई। आरोप है कि रिश्वत का पैसा इकट्ठा करने का काम तीन लोगों के हाथों में था, जिसमें आयुक्त की पत्नी भी शामिल थीं। रिश्वत की रकम का लेनदेन हवाला के जरिये होता था और एक शख्स अमन जैन के माध्यम से हवाला के जरिए दिल्ली भेज दिया जाता था। कई मामलों में आयुक्त की पत्नी को मोबाइल, रेफ्रिजरेटर और महंगे टीवी आदि के रूप में भी रिश्वत का भुगतान किया जाता था। सीबीआई ने सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

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रिश्वत के मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए लोगों की सूची

बताया जा रहा है कि सीबीआई को कानपुर के व्यापारियों और उद्योगपतियों ने जानकारी दी थी कि जीएसटी आयुक्त बड़े पैमाने पर रिश्वत का रैकेट चला रहे हैं। नियमित रूप से रिश्वत देने वाले के खिलाफ जीएसटी नहीं जमा करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी।

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Published: 03 Feb 2018, 2:17 PM