धनबाद जज की मौत के दो महीने बाद भी CBI के हाथ खाली, हाईकोर्ट को बताया- ऑटो रिक्शा ने जानबूझकर मारी थी टक्कर

मामले की निगरानी कर रहे झारखंड हाईकोर्ट को सीबीआई ने कहा कि अब तक गिरफ्तार दो आरोपियों में से एक पेशेवर मोबाइल चोर है। वह बार-बार नई कहानियां बनाकर जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हम मामले के साजिशकर्ताओं का पता लगाएंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

झारखंड में धनबाद के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) उत्तम आनंद की जुलाई में हुई मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट को सूचित किया कि ऑटो रिक्शा ने जज उत्तम आनंद को जानबूझ कर टक्कर मारी थी, जिससे उनकी मौत हो गई। सीबीआई ने कहा कि मामले की जांच जारी है और वह हर एंगल से मौत की जांच कर रही है। जांच में कोई एंगल नहीं बचेगा।

मामले की निगरानी कर रहे झारखंड हाईकोर्ट को केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि अब तक गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों में से एक पेशेवर मोबाइल चोर है। वह बार-बार नई कहानियां बनाकर सीबीआई जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। एजेंस ने कहा कि इस मामले में अब तक 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।

सीबीआई ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष कहा कि 20 सीबीआई अधिकारियों की एक टीम मामले की जांच कर रही है। अब यह स्पष्ट है कि जिला अदालत के मौजूदा न्यायाधीश को जानबूझकर ऑटो रिक्शा से टक्कर मारी गई थी, जब वह सुबह की सैर के लिए निकले थे। हम मामले के साजिशकर्ताओं का पता लगाएंगे।


झारखंड हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच पर नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई के जोनल डायरेक्टर को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। सीबीआई हर हफ्ते मामले में अपनी प्रगति रिपोर्ट अदालत को सौंपती रही है।

बता दें कि धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद की 28 जुलाई को सुबह की सैर करते समय एक ऑटो की चपेट में आने से मौत हो गई थी। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। मामले में पुलिस ने लखन वर्मा और राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार ने मामले में पहले एसआईटी का गठन किया था, पर बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिनदहाड़े हुई इस घटना पर आश्चर्य जताते हुए जांच को लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी।

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