नड्डा की सुरक्षा में लगे 3 IPS पर टेढ़ी हुई केंद्र की नजर, अमित शाह के मंत्रालय से किया गया अटैच

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर मोदी सरकार और ममता सरकार के बीच छिड़ी जंग अब अधिकारियों के लिए जंजाल बनता जा रहा है। राज्य के शीर्ष अधिकारियों को तलब करने के बाद अब केंद्र ने बंगाल के तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाते हुए गृह मंत्रालय से अटैच कर दिया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आसिफ एस खान

पश्चिम बंगाल दौरे पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर केंद्र और ममता सरकार के बीच छिड़ी जंग में अब अधिकारी लपेटे में आने लगे हैं। इस मामले पर केंद्र द्वारा तलब किए जाने पर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी द्वारा जाने से इनकार करने के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन तीन आईपीएस अफसरों को निशाने पर ले लिया है, जो राज्य में नड्डा की सुरक्षा के जिम्मेदार थे।

दरअसल शनिवार को अमित शाह के मंत्रालय ने राज्य के उन तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुला लिया है, जो नड्डा के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा के जिम्मेदार थे। इन आईपीएस अधिकारियों के नाम राजीव मिश्रा, प्रवीण कुमार और भोला नाथ पांडेय है। इन सभी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का आदेश देते हुए गृह मंत्रालय से अटैच कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी पूर्व बीजीपी अध्यक्ष अमित शाह के पास है।

कहा जा रहा है कि इन सभी पर यह कार्रवाई सुरक्षा में चूक के लिए की गई है, क्योंकि ये तीनों ही बंगाल दौरे पर जे पी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। लेकिन माना जा रहा है कि यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के केंद्र के समन पर हाजिर होने से इनकार पर की गई है। दरअसल, नड्डा मामले पर गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव अल्पन बंद्योपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को स्पष्टीकरण के लिए तलब किया था। पर दोनों ने जाने में असमर्थता जताई थी।

तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को समन भेजने को राजनीतिक मकसद से प्रेरित करार दिया है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को भेजे पत्र में समन को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया है। बनर्जी ने तीन पन्नों के पत्र में कहा कि लॉ एंड ऑर्डर विषय संविधान की राज्य सूची की 7वीं अनुसूची के तहत राज्य के अधिकार में आता है। कानून-व्यवस्था की स्थिति के संदर्भ में दोनों अधिकारियों को चर्चा के लिए या किसी भी तरह कैसे बुला सकते हैं? क्या आप भारत के संविधान और किसी अन्य कानून के तहत राज्य की कानून-व्यवस्था के संबंध में हस्तक्षेप कर सकते हैं?"

बता दें कि पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे पर गए बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार की सुबह उस समय हमला किया था, जब वह बीजेपी कार्यकताओं की बैठक को संबोधित करने डायमंड हार्बर जा रहे थे। इस घटना को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच विवाद छिड़ गया है। इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नड्डा के काफिले पर हमले के मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक रिपोर्ट भी सौंप दी है।

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Published: 12 Dec 2020, 6:46 PM