केंद्र ने 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर उठाया बड़ा कदम, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित की कमेटी

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेठी में और किसे-किसे शामिल किया जाएगा। इस सबंध में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। कमेटी में शामिल किए जाने वाले सदस्यों के बारे में अधिसूचना बाद में जारी की जाएगी।

'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर कमेटी गठित।
'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर कमेटी गठित।
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नवजीवन डेस्क

'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेठी का गठन कर दिया है। यह कमटे सभी कानूनी पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी। साथ ही यह कमेटी लोगों से 'एक देश, एक चुनाव' पर राय भी लेगी। 'एक देश, एक चुनाव' का मतलब यह है कि देश में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेठी में और किसे-किसे शामिल किया जाएगा। इस सबंध में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। कमेटी में शामिल किए जाने वाले सदस्यों के बारे में अधिसूचना बाद में जारी की जाएगी।

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अभी तो समिति बनी है, इतना घबराने की बात क्या है? समिति की रिपोर्ट आएगी, फिर पब्लिक डोमेन में चर्चा होगी। संसद में चर्चा होगी। घबराने की बात क्या है? बस समिति बनाई गई है, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह कल से ही हो जाएगा।


पिछले पांच से छह सालों से 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे ने देश में जोर पकड़ा है। साल 2018-2019 के बीच इस मुद्दे पर देशभर में खूब राजनीतिक बहस हुई थी। अगस्त 2018 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' जैसी किसी भी संभावना से इनकार किया था। इस बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया था तो उन्होंने साफ कहा था, “कोई चांस नहीं है।”

इससे पहले 14 अगस्त 2018 को भी ओपी रावत ने कहा था कि कानून में बदलाव किए बिना देश में एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है। खबरों के मुताबिक, अब सरकार इस मुद्दे पर संसद में बिल लाने की कोशिश में जुटी हुई है। कानून में बलाव के बाद ही 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लागू किया जा सकेगा।

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Published: 01 Sep 2023, 10:50 AM