चीन को खुश करने के लिए दलाई लामा से दूरी बरतने की खबरों का केंद्र सरकार ने किया खंडन

ऐसी खबर थी कि केंद्र सरकार ने नोट जारी कर अपने मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बौद्ध धर्मगुरु के भारत में निर्वासन के 60 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम से बचें।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चीन से रिश्तों में उतार चढ़ाव के बीच केंद्र सरकार ने एक नोट जारी कर अपने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बौद्ध धर्मगुरु के भारत में निर्वासन के 60 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों से दूर रहें।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 22 फरवरी के विदेश सचिव विजय गोखले ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को एक नोट भेजा था। जिसके चार दिन बाद निर्देश जारी किया गया कि भारत में निर्वासित तिब्बती धर्मगुरु से जुड़े आयोजित होने वाले कार्यक्रम से मंत्री और अधिकारी दूर रहें। इसके पीछे वजह यह बताया गया है कि चीन दलाई लामा को अलगाववादी कहता है। ऐसे में उनके कार्यक्रम में जाने से भारत और चीन के रिश्तों पर असर पड़ सकता है।

हालांकि इस बीच विदेश मंत्रालय ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि दलाई लामा को लेकर उसके स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है। सरकार ने कहा, “दलाई लामा एक सम्मानित धार्मिक नेता हैं, देश के लोग उनका सम्मान करते हैं। वे भारत में अपनी किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि को पूरा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत छोड़े हुए 60 साल पूरे हो रहे हैं, इस मौके पर 1 अप्रैल, 2018 को दिल्ली के त्यागराज स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ‘थैंक यू इंडिया’ नाम से आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम में दलाई लामा भारत के कई बड़े नेताओं समेत कई नामी हस्तियों को कार्यक्रम में आने के लिए निमंत्रण देंगे।

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Published: 02 Mar 2018, 6:57 PM