केंद्र विदेशी ताकतों के पैरों पर गिर गया है, उसने बेच दी देश की प्रतिष्ठा... ममता बनर्जी का BJP पर बड़ा हमला

ममता ने कहा कि बीजेपी का आजादी में कोई योगदान नहीं था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उसके पूर्ववर्ती अंग्रेजों के लिए ‘दलाली’ में लगे थे। उसके वैचारिक पुरखों ने देश के साथ विश्वासघात किया। आज, वे बांग्ला को एक विदेशी भाषा बता रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।

केंद्र विदेशी ताकतों के पैरों पर गिर गया है, उसने बेच दी देश की प्रतिष्ठा... ममता बनर्जी का BJP पर बड़ा हमला
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नवजीवन डेस्क

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विधानसभा में मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अमेरिका, रूस, चीन और इजरायल जैसी विदेशी ताकतों के पैरों पर गिरकर भारत की प्रतिष्ठा को बेच दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र कभी चीन के सामने तो कभी अमेरिका के सामने भीख मांग रहा है। अब वह रूस और इजरायल के पैरों पर गिर रहा है। ऐसा कर उसने भारत की प्रतिष्ठा को बेच दिया है।’’

अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासियों पर हमलों से संबंधित सरकारी संकल्प पर विधानसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने केंद्र पर राष्ट्रहितों को अक्षुण्ण रखने में विफल रहने और वैश्विक मंच पर भारत की संप्रुभता के साथ समझौता करने का आरोप लगाया। बीजेपी विधायकों के नारेबाजी करने और बनर्जी के भाषण को बाधित करने का प्रयास करने पर सदन में हंगामा होने लगा।

लेकिन ममता ने अपना हमला जारी रखा और बीजेपी पर पश्चिम बंगाल को अपना राजनीतिक उपनिवेश बनाने के उद्देश्य से ‘‘तानाशाही और बंगाली विरोधी’’ एजेंडा चलाने का आरोप लगाया।उन्होंने दावा किया, ‘‘वे (बीजेपी नेता) सांप्रदायिकता और विभाजन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। वे उस विविधता से नफरत करते हैं जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम की नींव थी। वे नफरत और साजिश की अपनी राजनीति से उस विरासत को मिटाना चाहते हैं।’’


ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी का देश के साथ विश्वासघात करने का इतिहास रहा है और उसे देशभक्ति या राष्ट्रीय एकता पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इस पार्टी का भारत की आज़ादी में कोई योगदान नहीं था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वह कहां थी? उसके पूर्ववर्ती अंग्रेजों के लिए ‘दलाली’ में लगे थे। उसके वैचारिक पुरखों ने देश के साथ विश्वासघात किया। आज, वे बांग्ला को एक विदेशी भाषा बता रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।’’ अंडमान सेलुलर जेल का जिक्र करते हुए, ममता ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बंगालियों द्वारा दिए गए बलिदानों की ओर इशारा किया।

बीजेपी सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच, ममता ने राज्य में विपक्षी पार्टी की चुनावी विश्वसनीयता को चुनौती देते हुए उसे ‘‘दलबदलुओं और चोरों का समूह’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी सबसे बड़ी चोर है। आप बंगाल, उसके लोगों, उसकी भाषा का अपमान करते हैं और फिर वोट की उम्मीद करते हैं? आप चुनाव जीतने के लिए धनबल, बाहुबल और निर्वाचन आयोग, सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं। आप वोट चुराते हैं। लेकिन बंगाल के लोग लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे।’’

राज्य की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का बचाव करते हुए ममता ने उन लोगों के सामने कभी नहीं झुकने की कसम खाई जो एकल राष्ट्रीय पहचान थोपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरा गला भी काट दिया जाए, तो भी मैं बांग्ला में ही बोलूंगी। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन वे बांग्ला को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। बांग्ला कोई विदेशी भाषा नहीं है। यह एशिया में दूसरी सबसे ज़्यादा और दुनिया में पांचवीं सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। जो लोग इसका अपमान करते हैं, वे न सिर्फ़ बांग्ला विरोधी हैं, बल्कि देशद्रोही भी हैं।’’

मुख्यमंत्री पिछले महीने बीजेपी की आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय की उस टिप्पणी की ओर इशारा कर रही थीं जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्ला नाम की कोई भाषा नहीं है। व्ययवधान के बीच ममता ने बीजेपी पर असहमति और लोकतांत्रिक बहस को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी बंगाली प्रवासियों पर हमलों पर चर्चा करने से क्यों डरती है? क्योंकि ये हमले उनके राज्यों में हो रहे हैं और वे सच्चाई को दबाना चाहते हैं। लेकिन हम चुप नहीं रहेंगे।’’ अपने भाषण के अंत में, ममता ने बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर सीधा निशाना साधा, उन्हें "सबसे बड़े चोर" करार दिया और बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का अपना आह्वान दोहराया।

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