Chandra Grahan 2022: सूतक लग गया, भारत में चंद्रग्रहण कब दिखेगा, कौन-कौन से शहर के लोग देख सकेंगे? जानें

पूर्वी भारत को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में चंद्रोदय और ग्रहण समाप्ति के समय में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से कम समय के लिए आंशिक चंद्रग्रहण ही दिखेगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

साल का अंतिम चंद्रग्रहण आज लगेगा। भारत के कई हिस्सों में चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो गया है। भारत में चंद्रग्रहण शाम 5 बजकर 20 मिनट से दिखाई देना शुरू होगा और शाम 6 बजकर 20 मिनट पर खत्म हो जाएगा।

सूतक काल किसे कहते हैं?

चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है। चंद्रग्रहण के दौरान सूतक काल 9 घंटे पहले लागू हो जाता है, जबकि सूर्यग्रहण के दौरान सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है। ग्रहण के दौरान सूतक काल का काफी महत्व होता है।

देश में कहां-कहां दिखेगा चंद्रग्रहण?

भारत में कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, इंफाल में शाम पांच बजकर 20 मिनट से चंद्रग्रहण देखेगा। शेष भारत में चंद्रोदय की स्थिति के अनुसार, आंशिक चंद्रग्रहण ही दृश्य होगा।

भारत के अन्य शहरों में चंद्रग्रहण का समय:

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उज्जैन के शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि मध्य की स्थिति में चंद्रमा का सौ प्रतिशत भाग पृथ्वी के क्षेत्र में होगा, वास्तव में पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति में चंद्रमा पृथ्वी के छाया क्षेत्र में होने के कारण मध्य लाल रंग का हो जाता है। ग्रहण की अवधि चार घंटे 19 मिनट तक रहेगी।

उन्होंने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण उस समय होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आती है, जिससे सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे पूर्णता के समय हमें चंद्रमा मध्यम लाल रंग का दिखाई देता है , जिसे पूर्ण चन्द्रग्रहण कहते हैं। डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि यह ग्रहण उत्तरी और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी प्रशांत महासागर एवं हिंद महासागर में दिखाई देगा।

शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि चंद्रग्रहण को हम खुली आंखों या टेलिस्कोप से देख सकते हैं। पूर्वी भारत को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में चंद्रोदय और ग्रहण समाप्ति के समय में ज्यादा अंतर नहीं होने की वजह से कम समय के लिए आंशिक चंद्रग्रहण ही दिखेगा उज्जैन की सबसे प्राचीन वेधशाला में आम नागरिकों को चंद्रग्रहण को दिखाने की पूरी व्यवस्था की गई है।

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