गांधी के 'ग्राम स्वराज' के सपने को साकार करने में जुटा छत्तीसगढ़, यही है आत्मनिर्भर भारत बनने की राह- भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरित क्रांति को सफल बनाने की अपील की, तब वह कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की बात कर रही थीं। पूर्व पीएम राजीव गांधी ने कहा था कि जब किसान कमजोर हो जाते हैं, तो देश अपनी आत्मनिर्भरता खो देता है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा कि राज्य में उनकी सरकार सत्ता संभालने के बाद से महात्मा गांधी के 'ग्राम स्वराज' के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। स्टेट्स पॉलिसी कॉन्क्लेव में 'आत्मनिर्भर भारत बनाने में राज्यों की भूमिका' पर एक सत्र को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा, "जब महात्मा गांधी ने गांवों को 'आत्मनिर्भर' इकाइयां बनाने के महत्व के बारे में बात की थी, तो वह आत्मनिर्भर भारत के बारे में बात कर रहे थे।"

इन महान नेताओं की मुख्य प्राथमिकताओं में गांव और किसान थे, यह बताते हुए उन्होंने कहा, "जब दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरित क्रांति को सफल बनाने की अपील की थी, तब उन्होंने कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के बारे में बात की थी। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी कहा था कि जब किसान कमजोर हो जाते हैं, तो देश अपनी आत्मनिर्भरता खो देता है।"


भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार दिसंबर 2018 में राज्य में सत्ता में आई और घोषणा की कि वह महात्मा गांधी के 'ग्राम स्वराज' के सपने को साकार करेगी। उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी के सपने को साकार करने के लिए हमारी सरकार ने आय के पारंपरिक स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए 'सुराजी गांव योजना' शुरू की है। इस योजना के तहत 7,777 से अधिक ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित किए गए हैं। इस योजना से राज्य के ग्रामीण कारीगरों और स्वयं सहायता समूहों को मदद मिल रही है।"

छत्तीसगढ़ सरकार की 'गौठान' योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "किसानों से खरीदे गए गोबर का उपयोग बिजली और खाद पैदा करने के लिए किया जाता है और जल्द ही हम 'प्राकृत पेंट' का निर्माण शुरू करेंगे। जैविक खाद ने किसानों की रसायनों पर निर्भरता कम कर दी है। उर्वरकों और इन गतिविधियों से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है।"


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां किसानों की 52 प्रकार की लघु वनोपज समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने कई पहल की हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और महिलाओं को सशक्त बनाने के अलावा आय के पारंपरिक स्रोतों को पुनर्जीवित करके इसे टिकाऊ बनाया है।"

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