NRC पर चिदंबरम के इस सवाल से ‘सन्नाटे’ में मोदी सरकार, देश की जनता और बांग्लादेश को केंद्र ने धोखे में रखा है?

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि अगर एनआरसी एक कानूनी प्रक्रिया है तो असम एनआरसी के तहत गैर-नागरिक घोषित किए गए 19 लाख लोगों के साथ कानूनी प्रक्रिया कैसे अपनाई जाएगी?

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश के गृह मंत्री अमित शाह ज्यादातर सभाओं में एनआरसी का जिक्र कर रहे हैं। अब तक वे कई बार कह चुके हैं कि पूरे देश में एनआरसी लागू की जाएगी और बांग्लादेशी घुसपैठियों या फिर अवैध रूप से देश में रह रहे लोगों को देश की सीमा से बाहर खदेड़ दिया जाएगा। सरकार बांग्लादेशी नागरिकों को एनआरसी के जरिए देश से बाहर करने की बात तो कर रही है, लेकिन कैसे यह नहीं बता रही है। इस मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरा है।

एनआरसी के मुद्दे पर चिदंबरम ने ट्वीट कर मोदी सरकार से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि अगर एनआरसी एक कानूनी प्रक्रिया है तो असम एनआरसी के तहत गैर-नागरिक घोषित किए गए 19 लाख लोगों के साथ कानूनी प्रक्रिया कैसे अपनाई जाएगी?


चिदंबरम ने कहा कि अगर मोदी सरकार द्वारा बांग्लादेश को यह आश्वासन दिया गया है कि एनआरसी प्रक्रिया उसे प्रभावित नहीं करेगी, तो इन 19 लाख लोगों का क्या किया जाएगा? उन्होंने पूछा कि कब तक यह 19 लाख लोग अनिश्चितता, चिंता और नागरिक और मानवाधिकारों के बिना रहेंगे। चिदंबरम ने मोदी सरकार से पूछा कि अगर हम महात्मा गांधी के मानवतावाद का जश्न मना रहे हैं तो हमें इन सवालों का भी जवाब देना चाहिए।

गौरतलब है कि इससे पहले असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट आई थी, जिसमें 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया था। इन लोगों का क्या होगा फिलहाल साफ नहीं हो पाया है। इस बीच मोदी सरकार पूरे देश में एनआरसी लाने की बात कर रही है।


वहीं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बिना एनआरसी की घोषणा के इस ओर एक कदम बढ़ा भी लिया है। लखनऊ के गोमती नगर में पुलिस ने छापेमारी कर झुग्गियों में रह रहे लोगों के दस्तावेजों की जांच की थी। यूपी के डीजीपी ने कहा था कि अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान की जा रही है। इनकी पहचान किए जाने के बाद इन्हें निर्वासित किया जाएगा। यही वजह है कि चिंदबरम ने सवाल पूछा है कि सरकार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को निर्वासित करने की एक तरफ बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश को यह आश्वासन दे रही है कि एनआरसी से उसके ऊपर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसे में यह कैसे संभव है।

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Published: 07 Oct 2019, 1:39 PM