चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवा को बताया प्राथमिकता, कहा- बातों से नहीं, काम से लोगों का भरोसा जीतेंगे

राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट परिसर पहुंचे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका का नेतृत्व करना एक महान अवसर और जिम्मेदारी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि देश के लोगों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है और वह हर तरह से लोगों का ख्याल रखेंगे। राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट परिसर पहुंचे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका का नेतृत्व करना एक महान अवसर और जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि आम लोगों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है और वह देश के सभी नागरिकों के लिए काम करेंगे। टेक्नोलॉजी में हो या रजिस्ट्री में हो या न्यायिक सुधारों में हो, मैं हर पहलू में नागरिकों का ख्याल रखूंगा। न्यायपालिका में लोगों का विश्वास सुनिश्चित करने के सवाल के जवाब में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं न केवल शब्दों के माध्यम से बल्कि अपने काम के माध्यम से नागरिकों का विश्वास सुनिश्चित करूंगा।

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई। 11 अक्टूबर को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश यू.यू ललित ने सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस चंद्रचूड़ को अपना उत्तराधिकारी नामित किया था। जस्टिस ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे।

जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वाई.वी. चंद्रचूड़ के बेटे हैं, जो 1978 से 1985 के बीच लगभग सात साल और चार महीने तक पद पर रहे थे और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले चीफ जस्टिस थे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने पिता के दो फैसलों को पलट दिया था, जो व्यभिचार और निजता के अधिकार से संबंधित थे।


जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए पास किया और कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया। उन्हें पहली बार 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। 13 मई, 2016 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 31 अक्टूबर, 2013 से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपनी पदोन्नति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है। जस्टिस चंद्रचूड़ मुंबई विश्वविद्यालय और अमेरिका के ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में तुलनात्मक संवैधानिक कानून के विजिटिंग प्रोफेसर रहे हैं। जून 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।

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