चीन ने पैंगॉन्ग झील के पास फिंगर-5 पर बनाया सैन्य अड्डा, भारतीय सेना की फिंगर-4 के आगे आवाजाही कटी

खबर है कि चीन ने फिंगर-5 पर टैंक, आर्टिलरी गन और अन्य सैन्य हथियार रखे हैं। साथ ही इन ठिकानों पर सैकड़ों की संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। फिंगर-8 में चीनी सेना ने बैरक और भूमिगत सुरंगों के निर्माण के साथ ही विशाल सैन्य बुनियादी ढांचा खड़ा किया है।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

चीन ने पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 के पास एक सैन्य अड्डा (मिल्रिटी बेस) स्थापित कर लिया है। जिसकी वजह से अब फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना के जवानों की आवाजाही पूरी तरह से कट गई है। ये ताजा घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब सीमा पर जारी तनाव के बीच एक दिन पहले दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने रूस में मुलाकात कर तनाव कम करने पर चर्चा की थी।

एलएसी के करीब स्थित पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे को कुल आठ फिंगर्स में विभाजित किया गया है। भारत फिंगर-8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का दावा करता है और उसका फिंगर-4 तक के क्षेत्र पर नियंत्रण रहा है। लेकिन चीनी सेना यथास्थिति को बदलने की कोशिश के तहत फिंगर-4 के क्षेत्र में भी शिविर लगा रही है और उसने फिंगर-5 और फिंगर-8 के बीच किलेबंदी कर ली है।

गौरतलब है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दो महीने पहले ही सचेत कर दिया था कि फिंगर-5 के क्षेत्र में क्रेन, कंक्रीट का मिश्रण करने वाले ट्रक और अन्य भवन निर्माण मशीनरी को देखा गया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि चीन सैन्य बैरक और कार्यालय बना रहा है।

सूत्रों ने कहा कि चीन ने इन ठिकानों पर सैकड़ों की संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही उन्होंने फिंगर-5 पर टैंक, आर्टिलरी गन और अन्य सैन्य हथियार रखे हैं। वहीं, फिंगर-8 में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बैरक स्थापित किए हैं और भूमिगत सुरंगों का निर्माण किया है। इसके साथ ही उन्होंने फिंगर-8 पर विशाल सैन्य बुनियादी ढांचा भी खड़ा किया है।

पिछले साल तक इन विवादित क्षेत्रों में किसी भी सैन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्य नहीं किया जा रहा था और भारतीय सेना के जवान क्षेत्र में गश्त करते थे। झील के उत्तरी तट पर फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच आठ किलोमीटर की दूरी पर दोनों सेनाएं नियमित रूप से आमने-सामने हो रही हैं। इस खबर पर भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए।

जानकारी के अनुसार अब भारतीय सेना फिंगर-4 से आगे नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि पीएलए के सैनिकों ने वहां कुछ ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है। एहतियाती उपाय के रूप में भारतीय सैनिकों ने भी पीएलए के कब्जे वाले स्थानों को देखते हुए कुछ ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है। सूत्रों ने कहा कि फिंगर-4 से आगे भारतीय सेना के जवानों की आवाजाही पूरी तरह से कट गई है।

भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चार महीने से गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है। एलएसी और खासकर गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता पांच मई से बढ़ना शुरू हुई थी। चीनी सैनिकों ने 17 मई और 18 मई को कुगरांग नाला, गोगरा और पैंगॉन्ग झील के उत्तरी तट के क्षेत्रों में अवैध रूप से अतिक्रमण करने का प्रयास किया था। इस बीच 15 जून को गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। झड़प में कुछ चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी खबरें हैं, मगर चीन ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

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