अरुणाचल से लापता 5 युवकों को चीन ने भारत को सौंपा, अपहरण की खबर पर कांग्रेस ने उठाया था मुद्दा

स्थानीय मीडिया के अनुसार, 2 सितंबर की इस घटना के बारे में तब जानकारी मिली, जब युवाओं के समूह के दो सदस्य जंगल से घर लौट कर आए और ग्रामीणों को अपने पांच साथियों की चीन द्वारा अपहरण की जानकारी दी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अरुणाचल प्रदेश से दो सितंबर को लापता हुए और बाद में चीनी क्षेत्र में पाए गए पांच युवकों को चीन की सेना- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने शनिवार को भारत को सौंप दिया है। शनिवार को पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले के किबिथू के पास दमाई में इन पांचों को भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों देशों के बीच एलएसी के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष वर्धन पांडे ने एक बयान में कहा, "शनिवार को किबिथू में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना को पांचों युवकों को सौंप दिया है। काोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इन लोगों को 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा, फिर इन्हें इनके परिवारों को सौंपा जाएगा।" सेना ने दावा किया कि इन लोगों ने 2 सितंबर को अनजाने में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर लिया था और सेना के लगातार प्रयासों से ये लोग वापस मिले हैं।

हालांकि, 2 सितंबर को स्थानीय लोगों और मीडिया द्वारा इन पांचों युवकों को चीनी सेना द्वारा अगवा कर लेने का दावा किया गया था। जिसके बाद अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग ईरिंग ने सबसे पहले इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "हमारे राज्य अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबासिरी जिले के पांच लोगों का कथित तौर पर चीन की पीएलए ने अपहरण कर लिया है। कुछ महीने पहले भी इसी तरह की घटना घटी थी। पीएलए और चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।"

इसके बाद लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अरुणाचल के पांच युवाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। गौरव गोगोई ने राजनाथ सिंह को लिखा, "मैं आपको अरुणाचल प्रदेश के उन पांच युवकों की स्थिति के बारे में अपनी गंभीर चिंता दर्ज करने के लिए लिख रहा हूं, जो एक शिकार अभ्यास के दौरान ऊपरी सुबनसिरी जिले से लापता हो गए हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने बयान दिया है कि उनका अपहरण कर लिया गया है और चीनी सेना इस घटना के लिए जिम्मेदार है।”

इसके बाद हरकत में आई राज्य और केंद्र सरकार ने सेना स्तर पर इन युवकों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की। उसके बाद सेना ने चीनी सेना को इन युवकों के बारे में हॉटलाइन पर संदेश भेजा, जिसके जवाब में मंगलवार को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सेना को जानकारी दी थी कि सुबनसिरी जिले में चीन-भारत सीमा से 2 सितंबर को लापता हुए, पांचों युवक उनके इलाके में मिले हैं। इसके बाद इन सबकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस घटना के बारे में तब जानकारी मिली, जब युवाओं के समूह के दो सदस्य नाचो के उत्तरी क्षेत्र में स्थित जंगल से घर लौट कर आए और उन्होंने ग्रामीणों को अपने पांच साथियों की चीनी द्वारा अपहरण की जानकारी दी। अगवा किए गए व्यक्तियों में टोच सिंगकम, प्रसाद रिंगलिंग, डोंगटू इबिया, तनु बेकर और नार्गु डिरी शामिल हैं।

मिली जानकारी के अनुसार पांचों युवकों का सेरा 7 से अपहरण किया गया था, जो भारतीय सेना के गश्ती क्षेत्र से लगभग 12 किमी दूर नाचो के उत्तर में स्थित है। नाचो मैकमोहन लाइन के करीब अंतिम प्रशासनिक सर्किल है। यह ऊपरी सुबनसिरी जिला मुख्यालय दार्पोजियों से करीब 120 किमी दूर है, जो कि राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किमी दूर है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की 1,080 किलोमीटर लंबी सीमा है।

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