किसी बड़ी चाल की तैयारी में चीन, तिब्बत में की तोपों और बंदूकों की तैनाती

चीन ने तोप और बंदूकों की तैनाती एलएसी के तीन सेक्टर- पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल) और पूर्व (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) में की है। चीन ने अपने जवानों को उत्तराखंड के लिपुलेख पास में भारत, चीन और नेपाल के तिराहे पर कालापानी घाटी के ऊपर भी तैनात कर दिया है।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन ने तिब्बत में भारी मात्रा में तोपों और बंदूकों की तैनाती की है। सूत्रों के हवाले से मिली जनकारी के मुताबिक, “चीन द्वारा तोप और बंदूकों की तैनाती तिब्बत की 4,600 मीटर की ऊंचाई पर जुलाई के अंतिम हफ्ते में ही की गई है।”

ये भी पता चला है कि चीन ने 77 कांबैट कमांड के 150 लाइट कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड की तिब्बत के सैन्य जिले में तैनाती की है। कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड अमेरिकन ब्रिगेड कंबैट टीम का एडेप्टेशन है, जिससे विभिन्न सैन्य बलों को एक साथ काम करने में मदद मिलती है। इस बीच चीन ने तिब्बत क्षेत्र में तैनाती कई गुना बढ़ा दी है और कंबाइन्ड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती भारत से लगे लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल के पास की गई है।

चीन ने ये तोप, बंदूक और दूसरे शस्त्रों की तैनाती लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल के तीन सेक्टर- पश्चिमी (लद्दाख), बीच में (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्व में (सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश) की सीमा पर की है। चीन ने अपने जवानों को उत्तराखंड के लिपुलेख पास में भारत, चीन और नेपाल के तिराहे पर कालापानी घाटी के ऊपर भी तैनात कर दिया है।

गौरतलब है कि 15 जून को भारतीय सीमा में घुस आए चीनी सेना के जवानों से हुई झड़प में भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेना के बीच कई राउंड की बातचीत के बाद भी दोनों देशों में तनाव कम नहीं हुआ और वादा करने के बाद भी चीन की सेना सीमा से पीछे नहीं हटी है। इसके अलावा चीन ने सीमावर्ती इलाकों में परमानेंट स्ट्रक्चर भी बना लिए हैं जो कि चीन द्वारा किए गए वादे के खिलाफ है।

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