चीन का पहली बार कबलूनामा, गलवान घाटी में खूनी झड़प में मारे गए थे उसके जवान, सम्मानित कर जवानों को किया याद

चीन गलवान घाटी में मारे गए पीएलए सैनिकों का आंकड़ा काफी कम बता रहा है। अभी कुछ समय पहले भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईसी जोशी ने रूस की एक एजेंसी के हवाले से दावा किया था कि 15 जून, 2020 को 45 चीनी पीएलए सैनिक मारे गए थे।

फोटो: IANS
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विनय कुमार

चीन ने पहली बार माना है कि गलवान में उसके भी सैनिक मारे गए थे. चीन ने पिछले साल जून में हुई खूनी झड़प के दौरान मारे गए चार सैनिकों की जानकारी साझा की है। इस खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

चीनी मीडिया चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने दावा किया है कि पीएलए के पांच सैनिकों को मानद उपाधि और प्रथम श्रेणी के मेरिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। इसमें कहा गया कि जून, 2020 में सीमा पर हुए एक संघर्ष के दौरान चार चीनी सैनिकों को मरणोपरांत मानद उपाधियों और प्रथम श्रेणी के योग्यता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसकी घोषणा शुक्रवार को केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने की।

स्थानीय मीडिया ने कहा, "चेन होंगजुन को राष्ट्रीय क्षेत्र की रक्षा के लिए 'नायक' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन को प्रथम श्रेणी के मेरिट उद्धरण से सम्मानित किया गया है। टकराव के दौरान जवानों का नेतृत्व करते हुए कर्नल क्यूई फेबाओ गंभीर रूप से घायल हो गए थे। क्यूई को नायक कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।"


हालांकि, चीन गलवान घाटी में मारे गए पीएलए सैनिकों का आंकड़ा काफी कम बता रहा है। अभी कुछ समय पहले भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईसी जोशी ने रूस की एक एजेंसी के हवाले से दावा किया था कि 15 जून, 2020 को 45 चीनी पीएलए सैनिक मारे गए थे। नॉर्दन कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के मुताबिक, चीनी सैनिक 45 से ज्यादा ज्यादा जवानों को वाहनों में ले जा रहे थे। लेकिन वे घायल थे या मारे गए थे इसके बारे में कहना मुश्किल है। वाईके जोशी ने कहा था कि रूसी एजेंसी TASS ने 45 चीनी जवानों के मारे जाने की बात कही है और हमारा अनुमान भी इसी के आसपास है।

गौरतलब है कि इस संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन में कभी भी मारे गए सैनिकों की संख्या घोषित नहीं की थी।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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