लद्दाख के बाद अरुणाचल में भी चीनी घुसपैठ! बीजेपी नेता के बयान पर कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब से भारतीय क्षेत्र में चीनी अतिक्रमण की खबरें सामने आई हैं, बीजेपी सरकार उन खबरों को दबाने और जमीनी स्तर पर तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि यह प्रतिक्रिया नहीं हो सकती। सरकार बताए कि सच्चाई क्या है?

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बीच कांग्रेस ने बीजेपी सांसद तापिर गाओ के बयान का हावाला देते हुए अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने नवंबर 2019 में संसद में तापिर गाओ के दिए बयान के हवाले से कहा कि उनके अनुसार चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र में एक नया बेस बना लिया है, जिसे न्यू माझा कहा जाता है। बीजेपी नेता के मुताबिक, ये अतिक्रमण कई किलोमीटर भारतीय क्षेत्र में है।

मनीष तिवरी ने कहा कि तापिर गाओ ने कहा है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में सुबनसिरी नदी के दोनों तटों पर मैकमोहन रेखा पर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। गाओ के अनुसार चीनी सेना ने मैकमहोन लाइन के 10-12 किलोमीटर अंदर माजा में भारतीय सेना के बेस पर भी कब्जा कर लिया है। चीन ने माजा इलाके में एक हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट भी लगा लिया है।

कांग्रेस ने अरुणाचल पूर्व के बीजेपी सांसद की एक क्लिप भी दिखाई, जिसमें वह लोकसभा में बोल रहे थे कि चीनी माझा में आ गए हैं, जो अतीत में एक भारतीय सैन्य अड्डा रहा है। मनीष तिवारी ने कहा, "बीजेपी सांसद के अनुसार चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र में एक नया बेस बनाया है, जिसे न्यू माझा कहा जाता है। उनके मुताबिक, भारतीय क्षेत्र में ये अतिक्रमण कई किलोमीटर है। यह पहली बार नहीं है जब तापिर गाओ ने ये खुलासे किए हैं।"

इस दौरान कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सरकार को पूर्वोत्तर में और सीमाओं पर अधिक सतर्क रहने के लिए आगाह किया। गोगोई ने कहा कि कांग्रेस के इस मुद्दे को उठाने का मकसद चीनी सेना के पैटर्न पर प्रकाश डालना है कि कैसे वे धीरे-धीरे एलएसी के पार भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहे हैं और भारतीय क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत सरकार की है।

गौरव गोगोई ने कहा कि जब बीजेपी के स्थानीय सांसद ने चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया, तो हमने भारत सरकार की प्रतिक्रियाओं को देखा है, वे सच्चाई के साथ सामने नहीं आए। इससे शायद चीन को लद्दाखी मिट्टी और हमारे सैनिकों पर आक्रामक हमले शुरू करने की शह मिली है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने डोकलाम के भी आसपास में चीन को सैन्य ढांचे के निर्माण की अनुमति दे दी है और अब यही चीज वे गालवान घाटी और आसपास के इलाकों में लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।

मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि जब से भारतीय क्षेत्र में चीनी अतिक्रमण के बारे में खबरें सामने आई हैं, बीजेपी नीत एनडीए सरकार उन खबरों को दबाने और जमीनी स्तर पर तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे जानते हैं कि गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो झील में हालात ठीक नहीं हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह प्रतिक्रिया नहीं हो सकती। हम लद्दाख में डोकलाम जैसी स्थिति नहीं चाहते। भारत लद्दाख में डोकलाम नहीं दोहरा सकता। उन्हें एक सफल बातचीत के अन्य तौर-तरीकों को अपनाना होगा।

कांग्रेस ने कहा कि हम मांग करते हैं कि भारत सरकार अरुणाचल प्रदेश या लद्दाख की घटनाओं को अलग-थलग करके नजरआंदाज नहीं कर सकती है। ये एक भव्य डिजाइन हैं और इसका दृढ़ता से जवाब देने की आवश्यकता है। कांग्रेस ने कहा कि हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि जो तापिर गाव कह रहे हैं, वो सही है या गलत? क्योंकि जब उन्होंने लोकसभा में ये बातें उठाई थीं, तो कोई जवाब नहीं आया। सरकार अभी भी चुप है। सरकार बताए कि इन तथ्यों की सच्चाई क्या है?

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Published: 24 Jun 2020, 6:20 PM