जब अमित शाह को नागरिकता संशोधन बिल पर विपक्षी नेताओं ने घेरा तो बंद कर दिया गया राज्यसभा टीवी का प्रसारण!

नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में जोरदार बहस चल रही है। सोमवार के यह बिल लोकसभा से पास हुआ था। लेकिन इस बिल के बहस के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब राज्य सभा टीवी का प्रसारण कुछ देर के लिए रोक दिया गया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में जोरदार बहस चल रही है। सोमवार के यह बिल लोकसभा से पास हुआ था। लेकिन इस बिल के बहस के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब राज्य सभा टीवी का प्रसारण कुछ देर के लिए रोक दिया गया। दरअसल, गृह मंत्री अमित इस विधेयक को लेकर कह रहे थे कि यह असम के लोगों के हित में है। विपक्ष उनकी दलीलों के दौरान विपक्ष ने घेरना शुरू किया तो राज्यसभा टीवी ने प्रसारण थोड़ी देर के लिए रोक दिया।

दरअसल नागरिकता संशोधन बिल को राज्यसभा में पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृह मंत्री ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है।


शाह ने कहा कि विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान से आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी एवं ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा ने पारित किया।उच्च सदन में कई विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए प्रस्ताव दिया है।

विधेयक पर चर्चा होने के बाद इसे पारित करते समय इन प्रस्तावों के बारे में निर्णय किया जायेगा। शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी ने 2019 के आम चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में इसकी घोषणा की थी और पार्टी को इसी पर जीत मिली थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं और बने रहेंगे।


शाह ने कहा कि बीजेपी असम के लोगों के हितों की रक्षा करेगी। गृह मंत्री जब असमी लोगों के हितों की रक्षा की बात कर रहे थे तो राज्यसभा का टीवी प्रसारण कुछ समय के लिए रोक दिया गया। टीवी प्रसारण को इसलिए रोका गया क्योंकि गृहमंत्री की बातों का विरोध हो रहा था।

इस विधेयक का न सिर्फ विपक्षी दल बल्कि कई बुद्धिजीवी भी विरोध कर रहे हैं। इस बिल में सभी पड़ोसी देशों को शामिल नहीं किया गया है, साथ ही मुस्लिम प्रवासियों को भी नागरिकता प्रदान करने का प्रवधान नहीं है। इसी कारण से इस बिल का विरोध हो रहा है। नौ सौ वैज्ञानिकों और विद्वानों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा है कि भारतीय नागरिकता के निर्धारण के लिए धर्म को कानूनी आधार बनाया जाना बहुत ही परेशान करने वाला है।

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