मॉब लिंचिंग पर व्हाट्सएप की सफाई, कहा, फेक न्यूज रोकना मुश्किल, लेंगे विशेषज्ञों की मदद

व्हाट्सऐप पर फेक न्यूज की बाढ़ की वजह से देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर भारत सरकार ने व्हाट्सऐप को ऐसे न्यूज रोकने के लिए कहा था। इस पर कंपनी ने कहा है कि ऐसे मैसेज को रोकना चुनौती है और इसके लिए उसके और सरकार के बीच तालमेल की जरूरत है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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आईएएनएस

देश में व्हाट्सएप पर फैल रही अफवाहों के कारण मॉब लिंचिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। पिछले दिनों मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं सामने आई हैं। फेसबुक के स्वामित्व वाली व्हाट्सएप ने कहा है कि वह इस पर शोध कराएगी कि भारत में उसके मंच पर अफवाहें आग की तरह तेजी से क्यों फैल रही हैं। इससे पहले भारत सरकार ने व्हाट्सएप से अपने मंच पर झूठी खबरों और किसी खास मकसद से प्रेरित सनसनीखेज संदेशों पर रोक लगाने के लिए जरूरी उपाय करने के लिए पत्र लिखा था।

इसके जवाब में व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि वह भारत में व्हाट्सएप पर गलत जानकारी से संबंधित मुद्दों की खोज में दिलचस्पी रखने वाले शोधकर्ताओं के लिए कई तरह के पुरस्कार शुरू कर रही है। व्हाट्सएप प्रवक्ता ने कहा, “व्हाट्सएप अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता करता है। गलत जानकारी फैलाने के लिए ऑनलाइन मंच के हो रहे उपयोग के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए भारत में विशेषज्ञों के साथ काम करने की ओर अग्रसर हैं।”

इससे पहले फर्जी और भड़काऊ संदेशों को लेकर केंद्र सरकार ने 2 जुलाई को व्हाट्सएप को निर्देश जारी किए थे। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा व्हाट्सएप को जारी निर्देश में कहा गया था कि अविश्वसनीय और भड़काऊ संदेशों को अपने प्लेटफार्म पर रोकने के लिए कदम उठाएं। मंत्रालय ने व्हाट्सएप को त्वरित कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि उसके मंच का उपयोग गलत कार्यों के लिए नहीं किया जाए।

व्हाट्सएप ने मंत्रालय को भेजे अपने जवाब में कहा कि वह दिल दहलाने वाली हिंसक घटनाओं से भयभीत है। कंपनी ने आगे कहा, “आपने जिन महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, उन पर पर तत्काल प्रतिक्रिया करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि यह यह ऐसी चुनौती है, जिसमें सरकार, सिविल सोसायटी और प्रौद्योगिकी कंपनियों को मिलकर काम करने की जरूरत है।”

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