लेह में बवाल: पुलिस-छात्रों के बीच झड़प, CRPF की गाड़ी फूंकी, BJP दफ्तर में लगाई आग, सोनम वांगचुक का कर रहे थे समर्थन
लेह में पूर्ण राज्य का दर्जा की मांग को लेकर खड़कों पर उतरे छात्रों की पुलिस से भिड़ंत हो गई, ये झड़प हिंसक हो गई जिसके बाद आगजनी और पथराव होने लगे। हिंसक प्रदर्शन के दौरान सीआरपीएफ की गाड़ी फूंक दी गई।

लद्दाख में पूर्ण राज्य के दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्रों और पुलिस के बीच मंगलवार को हिंसक झड़पें हुईं। यह प्रदर्शन विख्यात पर्यावरणविद और शिक्षाविद सोनम वांगचुक के समर्थन में आयोजित किया गया था। जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर भी फूंक दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान जैसे ही छात्रों और पुलिस के बीच टकराव हुआ, हालात बिगड़ते चले गए। गुस्साए छात्रों ने सीआरपीएफ की एक गाड़ी में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इससे माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया।
छात्र "लद्दाख को राज्य बनाओ" और "वादाखिलाफी बंद करो" जैसे नारे लगाते हुए सड़कों पर उतरे थे। उनका आरोप है कि 2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के वक्त जो वादे किए गए थे, जैसे विशेष संवैधानिक अधिकार और स्थानीय पहचान की सुरक्षा वो आज तक पूरे नहीं हुए हैं।
छात्रों का कहना है कि यदि लद्दाख को जल्द राज्य का दर्जा नहीं दिया गया, तो यहां की संस्कृति, भाषा और पर्यावरण पर गंभीर खतरा मंडराने लगेगा। वे चाहते हैं कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत संरक्षण मिले ताकि स्थानीय लोगों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व और अधिकार सुनिश्चित हो सकें।
इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने लेह और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और सीआरपीएफ की तैनाती कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। हालांकि, छात्र संगठनों ने स्पष्ट किया है कि उनका आंदोलन फिलहाल शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेगा। लेकिन उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन और अधिक व्यापक और उग्र रूप ले सकता है।
यह प्रदर्शन अब केवल छात्रों तक सीमित नहीं रहा। स्थानीय सामाजिक, सांस्कृतिक और नागरिक संगठनों का भी इसे भरपूर समर्थन मिल रहा है। आंदोलनकारियों का मानना है कि राज्य का दर्जा मिलने से लद्दाख की अनूठी पहचान और संसाधनों पर स्थानीय लोगों का नियंत्रण सुनिश्चित हो सकेगा।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia