संभल जामा मस्जिद में सफाई शुरू, मस्जिद कमेटी ने रखा अपना पक्ष, हिंदू पक्ष ने कहा- ये मस्जिद कहेंगे तो हम मंदिर
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ मस्जिद प्रबंध समिति की याचिका की सुनवाई कर रही है। जामा मस्जिद संभल की प्रबंध समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रिपोर्ट पर जवाब दाखिल किया। दोनों तरफ से पूरक शपथ पत्र भी दाखिल किए गए।

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के शाही जामा मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता गोपाल शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि संभल की शाही जामा मस्जिद एक “विवादित ढांचा” है और कुरान के मुताबिक किसी भी विवादित ढांचे में नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है।
शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “संभल की शाही जामा मस्जिद एक विवादित ढांचा है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित है। हम (हिंदू) कह रहे हैं कि यह एक मंदिर है, वे (मुसलमान) कह रहे हैं कि यह एक मस्जिद है। ऐसे में यह एक विवादास्पद ढांचा हो गई।”
शर्मा ने कहा, “कुरान के अनुसार, किसी भी विवादित ढांचे में ‘नमाज’ नहीं पढ़ी जा सकती है। यह उनका धार्मिक पाठ कहता है कि उन्हें वहां ‘नमाज’ नहीं पढ़नी चाहिए।”
जब शर्मा से पूछा गया कि क्या हिंदू पक्ष अब वहां पूजा करने की अनुमति मांगेगा, तो उन्होंने कहा, “पहले उनका (मुस्लिम) जवाब आने दें। हालांकि, हमने दावे में पूजा की अनुमति देने की प्रार्थना की है।”
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ मस्जिद प्रबंध समिति की याचिका की सुनवाई कर रही है। जामा मस्जिद संभल की प्रबंध समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रिपोर्ट पर जवाब दाखिल किया। दोनों तरफ से पूरक शपथ पत्र भी दाखिल किए गए।
विपक्षी हरिशंकर जैन का शपथ पत्र पत्रावली पर उपलब्ध नहीं था। कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय को इसे अगली तिथि तक पत्रावली के साथ रखने का आदेश दिया। एएसआइ के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पिछले आदेश के क्रम में साफ-सफाई शुरू करा दी गई है। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी तथा जहीर असगर ने इस पर कोई विवाद नहीं किया। इलाहाबाद हाई कोर्ट अब 10 मार्च को सुनवाई करेगा।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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