श्रम कानूनों को लेकर आरएसएस से जुड़ा मजदूर संघ नाराज, यूपी, एमपी और गुजरात सरकार के खिलाफ करेगा प्रदर्शन

आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि श्रम कानूनों के उल्लंघन के कारण पहले से ही मजदूर संकट में चल रहे हैं। ऐसे में श्रम कानूनों को पूरी तरह से हटा देने या उनमें ढील देने से मजदूरों का शोषण और बढ़ेगा। संघ ने कहा कि 20 मई को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

बीजेपी की उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात सरकारों द्वारा श्रम कानूनों को रद्द किये जाने को लेकर संघ परिवार में ही विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कई राज्य सारकारों द्वारा श्रम कानूनों को हटाने या उन्हें कमजोर किए जाने के विरोध में 20 मई को देश भर में प्रदर्शन करने का फैसला किया है। खास बात है कि यह विरोध प्रदर्शन बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में श्रम कानूनों को पूरी तरह से हटा दिए जाने के विरोध में हो रहा है।

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री विरजेश उपाध्याय ने कहा कि 13 मई को संगठन की बैठक में कई राज्य सरकारों की ओर से उठाए गए श्रमिक विरोधी कदमों का विरोध करने का फैसला हुआ है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात की राज्य सरकारों ने सभी श्रम कानूनों को हटा दिया है। जबकि राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा और ओडिशा ने काम के घंटे आठ से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिए हैं।

विरजेश उपाध्याय ने कहा कि इन सरकारों के इस निर्णय के बाद अब अन्य सरकारें भी श्रमिक विरोधी फैसलों के लिए प्रेरित होंगी। भारतीय मजदूर संघ की राज्य इकाइयों ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था, लेकिन केवल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ही भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि मजदूरों की समस्याओं को लेकर 16 मई से 18 मई तक जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा। वहीं 20 मई को जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि श्रम कानूनों के उल्लंघन के कारण पहले से ही मजदूर संकट में चल रहे हैं। ऐसे में कानूनों को पूरी तरह से हटा देने या उनमें ढील देने से मजदूरों का और शोषण होगा।

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