जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से भीषण तबाही, कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका, कई लापता
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मचैल माता यात्रा मार्ग पर चोशोटी क्षेत्र में बादल फटने से भीषण तबाही मची है। कम से कम 10 लोगों की मौत की आशंका है। प्रशासन, NDRF और सेना राहत कार्य में जुटी है।

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चाशोटी क्षेत्र में मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से भीषण तबाही मची है। आचान के आए पानी के बहाव में कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने बताया कि अधिकारियों के मुताबिक, इस घटना में कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना में एक सामुदायिक रसोईघर बह गया है और स्थानीय लोग प्रभावति हुए हैं।
राहत-बचाव अभियान जारी
बादल फटने के बाद तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने कहा कि आपदा स्थल पर राहत और चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंह ने एक्स पर लिखा, "किश्तवाड़ के चोशोटी में बादल फटने की घटना से दुखी हूं। मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना। नागरिक प्रशासन, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF के अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।"
राज्य के विपक्षी नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा ने इस घटना के बारे में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को दे दी है। सिंह ने ट्वीट कर बताया कि बचाव दल को तुरंत भेजा गया है और स्थिति की लगातार समीक्षा कर सहायताएं भेजी जा रही हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "मुझे जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा का फोन आया था, जिसमें उन्होंने उनके क्षेत्र में बादल फटने की जानकारी दी। यह वही मार्ग है, जहां प्रसिद्ध मचैल माता यात्रा होती है। इस बार बादल फटने की घटना बहुत बड़े पैमाने पर हुई है, जिससे संभवतः भारी जनहानि हो सकती है। हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। प्रशासन मेडिकल उपचार के लिए हेलीकॉप्टर रेस्क्यू की व्यवस्था भी करेगा।"
जहां बादल फठा, वहां थे श्रद्धालु
बादल मचेल माता यात्रा मार्ग के शुरुआती बिंदुओं पर फटा है। जुलाई-अगस्त के महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां उमड़ती है। ऐसे में कितना जानमाल का नुकसान हुआ है, इसका अंदाजा धीरे-धीरे लगेगा।
किश्तवाड़ में इसी तरह की त्रासदी 2021 में हुंजार में हो चुकी है, जब बादल फटने से 26 लोगों की मौत हो गई थी। जो दर्शाता है कि यह क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है।
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