उत्तर प्रदेश में 1 मार्च से सभी स्कूल खोलने के निर्देश, 10 फरवरी से कक्षा 6 से 8वीं की पढ़ाई होगी शुरू

सीएम योगी ने कोरोना काल के पूर्व जैसे विद्यालय संचालित किए जाते थे, वैसे ही संचालित करने और पठन-पाठन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, स्कूल प्रशासन को मास्क, थर्मल स्कैनर, स्वच्छता और छात्रों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान देने की हिदायत दी गई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना संक्रमण के 11 महीने बाद एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के स्कूल छात्रों से गुलजार होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के सभी स्कूल/कॉलेज और विश्वविद्यालय नियमित रूप से 10 फरवरी से खोलने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय एक मार्च से खोलने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल के पूर्व की तरह जैसे विद्यालय संचालित किए जाते थे, वैसे ही विद्यालय संचालित किए जाने और पठन-पाठन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि स्कूल प्रशासन को मास्क, थर्मल स्कैनर, स्वच्छता व छात्रों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान देने की हिदायत दी गई है।

लॉकडाउन के बाद पिछले साल अप्रैल से बंद चल रहे है स्कूलों में एक बार फिर से बच्चों की हंसी, खेलकूद और पठन-पाठन की रौनक दिखाई देगी। खासकर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में एक मार्च से कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा। स्कूल और डिग्री कॉलेज के शैक्षिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने नियमित रूप से शिक्षण संस्थाएं खोलने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पिछले 11 महीने से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्र अब कक्षा में गुरुजी से रूबरू होकर सवाल कर सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कक्षा 6 से 8 तक के उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और डिग्री कॉलेजों को 10 फरवरी से पूर्व की तरह संचालित किए जाने के निर्देश दे दिए हैं।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 83 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। 11 महीने बाद एक मार्च को जब प्राथमिक विद्यालय के छात्र अपने स्कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के हजारों स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 80 प्रतिशत से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है। इसमें स्कूल में रंगाई-पुताई के साथ वॉल पेटिंग, छात्रों के लिए मल्टिपल हैंडवॉश और शौचालय बनाए गए हैं। वहीं, छात्रों से जुड़ी शिक्षण सामग्री स्कूलों में पहुंच चुकी है। इसके अलावा छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए स्कूलों में एक से दो कक्षाओं को स्मार्ट क्लास के रूप में डेवलप किया जा रहा है। अकेले लखनऊ के 1642 स्कूलों में से करीब 100 स्कूल में स्मार्ट क्लासेज संचालित होंगी। बीएसए लखनऊ दिनेश कुमार के मुताबिक छात्र जब स्कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ दिखाई देगा।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा एक से तीन के छात्रों को सहज पुस्तक भी उपलब्ध कराई जाएगी। सहज पुस्तक में चित्र युक्त कहानियां मौजूद हैं। इससे छात्रों में पढ़ने की प्रवृति डेवलप होगी। बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि स्कूलों में सहज पुस्तकें पहुंच चुकी हैं।

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