शिवराज ने फोड़ा कम्प्यूटर बाबा का कुंभ कलश, दिगंबर अखाड़े से बाहर, डुबकी की भी इजाजत नहीं

मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा को अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े ने महामंडलेश्वर पद से निष्कासित कर दिया गया है और उन्हें प्रयाग कुंभ 2019 में अखाड़े की तरफ से जमीन नहीं दी जाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा को दिगंबर अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया है। अखाड़ा के पदाधिकारी नरेन्द्र गिरी ने निष्कासन की घोषणा करते हुए बताया कि कंप्यूटर बाबा अब प्रयागराज (इलाहाबाद) कुंभ में अखाड़े की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे। कंप्‍यूटर बाबा दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर थे।

दिगंबर अखाड़े के सचिव महंत शिवशंकर दास ने बताया कि श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े में महामंडलेश्वरों, महंतों और साधु समाज की एक बैठक आयोजित की गई, इसमें कंप्यूटर बाबा के कार्य और गतिविधियों पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि कंप्यूटर बाबा द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थों और राजनीति के लिए अखाड़े और साधु समाज का उपयोग किया जा रहा है। महामंडलेश्वर बनते समय कंप्यूटर बाबा ने शपथ ली थी कि महामंडलेश्वर पद का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पंचों द्वारा लिए गए फैसले में कहा गया है कि कंप्यूटर बाबा को 2019 में प्रयाग में आयोजित महाकुंभ में किसी प्रकार की कोई जमीन आवंटित नहीं की जाएगी और ना ही उन्हें सुविधा दी जाएगी। अखाड़े का प्रयास होगा कि कंप्यूटर बाबा को प्रयाग कुंभ में प्रवेश नहीं दिया जाए।

बता दें कि कंप्यूटर बाबा को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह उपेक्षा का आरोप लगाते हुए शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने राज्‍य सरकार पर धर्म और संत समाज की उपेक्षा करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, “मैंने गाय और नर्मदा नदी में अवैध खनन के मुद्दों पर चर्चा करना चाहा, लेकिन मुझे उसकी अनुमति नहीं दी गई। मैं सरकार के समक्ष साधु-संतों के विचार भी नहीं रख सका, इसलिए मैं ऐसी सरकार का हिस्सा बनकर नहीं रहना चाहता हूं। मुझे ऐसा लगा कि शिवराज धर्म के ठीक विपरीत हैं और वह धर्म का काम नहीं करना चाहते हैं, लिहाजा मैंने इस्तीफा दे दिया।” कंप्यूटर बाबा ने सरकार द्वारा गो मंत्रालय बनाए जाने की घोषणा पर सवाल उठाने के साथ ही उन्होंने सरकार से अलग नर्मदा मंत्रालय बनाने की मांग की थी।

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कंप्यूटर बाबा ने मन की बात के द्वारा सरकार के खिलाफ इंदौर से संतों का अभियान शुरू किया था। 23 अक्टूबर को इंदौर में संत समागम करने के बाद 31 अक्टूबर को ग्वालियर में उन्होंने संत समागम किया था। 4 नवंबर को खंडवा, 11 नवंबर को रीवा, 23 नवंबर को जबलपुर में संतों के समागम करने की योजना कंप्यूटर बाबा ने की है।

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