'हालत बहुत गंभीर है', ICU में भर्ती सत्यपाल मलिक ने फिर दिया हेल्थ अपडेट
11 मई को उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और फिलहाल डायलिसिस पर हैं। आज उन्होंने एक्स पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होंने लिखा, “हालात बहुत गंभीर हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। इसकी जानकारी उनके X पोस्ट के जरिए एक बार फिर दी गई है। दरअसल, 11 मई को उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और फिलहाल डायलिसिस पर हैं। आज फिर उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया जिसमें उन्होंने लिखा, “हालात बहुत गंभीर हैं. संपर्क सूत्र – 9610544972
इससे पहले भी वे लगातार अस्पताल से अपनी बातें देशवासियों तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा था, नमस्कार साथियों, मैं करीब एक महीने से अस्पताल में हूं और अब मेरी हालत बिगड़ती जा रही है। ICU में शिफ्ट किया गया है। मैं रहूं या ना रहूं, लेकिन देश को सच्चाई बताना चाहता हूं। 7 जून को एक पोस्ट में उन्होंने लिखा- "नमस्कार साथियों। मैं पिछले लगभग एक महीने के करीब से अस्पताल में भर्ती हूं और किड़नी की समस्या से जूझ रहा हूं। परसों सुबह से मैं ठीक था लेकिन आज फिर से मुझे ICU में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या ना रहूं इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जब गवर्नर के पद पर था तो उस समय मुझे 150-150 करोड़ रूपए की रिश्वत की पेशकश भी हुई परंतु में मेरे राजनीतिक गुरु किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी की तरह ईमानदारी से काम करता रहा ओर मेरा ईमान वो कभी डिगा नहीं सकें।
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि जब मैं गवर्नर था उस समय किसान आंदोलन भी चल रहा था, मैंने बग़ैर राजनीतिक लोभ लालच के पद पर रहते हुए किसानों की मांग को उठाया। फिर महिला पहलवानों के आंदोलन में जंतर-मंतर से लेकर इंडिया गेट तक उनकी हर लड़ाई में उनके साथ रहा। पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों के मामले को उठाया, जिसकी आज तक इस सरकार ने कोई जांच नहीं करवाई है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार मुझे CBI का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था, मैंने खुद प्रधानमंत्री जी को बताया था इस मामले में करप्शन है और उन्हें बताने के बाद में मैंने खुद उस टेंडर को कैंसिल किया, मेरा तबादला होने के बाद में किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ। मैं सरकार को और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं, मैं ना तो डरने वाला हूं ओर ना ही झूकने वाला हूं। सरकार ने मुझे बदनाम करने में पुरी ताकत लगा दी है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने कहा कि अंत में मेरा सरकार से ओर सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देश की जनता को सच्चाई जरूर बताना कि आपको छानबीन में मेरे पास मिला क्या? हालांकि सच्चाई तो यह है कि 50 साल से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर देशसेवा करने का मौका मिलने के बाद आज भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं ओर कर्ज में भी हूं। अगर आज मेरे पास धन दौलत होती तो मैं प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाता।
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