ओडिशा रेल हादसा: कांग्रेस बोली- अपने रिस्क पर करें यात्रा, केंद्र की नहीं कोई जिम्मेदारी, सरकार से पूछे ये सवाल

कांग्रेस नेता सुप्रीया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि रेल हादसे में करीब 300 लोगों की जान चली गई है और आज भी इसका जवाब नहीं है क‍ि इन मौतों का जिम्‍मेदार कौन है?

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। एक बार फिर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता सुप्रीया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि रेल हादसे में करीब 300 लोगों की जान चली गई है और आज भी इसका जवाब नहीं है क‍ि इन मौतों का जिम्‍मेदार कौन है?

उन्होंने आगे कहा कि रेल से इस देश का आम आदमी सफर करता है। कल जब हम-आप, आपका पर‍िवार, देश के लोग रेल में बैठेंगे तो यह याद रखें क‍ि आप यह सफर अपने र‍िस्‍क पर कर रहे हैं, सरकार की कोई ज‍िम्‍म्मेदारी नहीं है। जब नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर रेल मंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए, तब ध्यान भटकाने के लिए नई-नई थ्योरी रची जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार में जवाबदेही का 'ज' तक नहीं है।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या CBI और NIA सच में कुछ कर पाएगी? सुप्रीया ने मोदी सरकार को कानपुर रेल हादसे की याद दिलाते हुए कहा कि कानपुर और कुनेरु रेल हादसे की जांच NIA को सौंपी गई थी, आज 7 साल बाद भी इन मामलों में चार्जशीट दायर नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जो इस मामले में एक्‍सपर्ट हैं उनसे ओडिशा रेल हादसे की जांच करानी चाह‍िए। न क‍ि सरकार की व‍िफलता से ध्‍यान हटाने के ल‍िए NIA और CBI को इन मामलों में शाम‍िल करना चाह‍िए।


सुप्रीय श्रीनेत ने आगे कहा कि जब प्रधानमंत्री या रेल मंत्री घटना स्थल पर जाते हैं तो स्वांग रचा जाता है, जैसे भगवान प्रकट हो गए हों। जहां 300 लोगों की मृत्यु हो गई हो, वहां जाना उनका काम है। वो अलग बात है कि वहां कूलर लगे थे और शव डंपर में गाजर-मूली की तरह फेंके जा रहे थे। सरकार को जब-जब कटघरे में खड़ा किया जाता है तो सिर्फ ध्यान भटकाया जाता है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार से किए ये सवाल

  • क्या CBI पता करेगी कि ट्रैक की मरम्मत और नए ट्रैक बिछाने का बजट जो 2018-19 में 9607 करोड़ था वो 2019-20 में घटकर 7417 करोड़ क्यों हुआ?

  • क्या CBI ढूंढेगी कि रेल चिंतन शिविर में जब हर ज़ोन को सुरक्षा पर बोलना था, वहां सिर्फ़ एक ही ज़ोन को क्यों बोलने दिया गया और इस शिविर में सारा ध्यान 'वंदे भारत' पर केंद्रित क्यों था?

  • क्या CBI मालूम करेगी, CAG की रिपोर्ट में जिक्र है कि 2017-21 के बीच 10 में से करीब 7 हादसे ट्रेन के पटरी से उतरने की वजह से हुए, या फिर ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए ट्रैक मेंटिनेंस का परीक्षण क्यों नहीं हुआ?

  • क्या CBI पता लगाएगी कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष की फंडिंग 79% कम क्यों की गई है?

  • क्या CBI मालूम करेगी कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष को सालाना 20,000 करोड़ का बजट क्यों आवंटित नहीं हुआ, जैसा कि वादा था?

  • क्या CBI यह ढूंढेगी कि 3 लाख से ज़्यादा पद रेल विभाग में खाली क्यों हैं?

  • क्या CBI पता करेगी कि लोको चालक से 12 घंटे से ज़्यादा की ड्यूटी क्यों कराई जा रही है?


इससे पहले कांग्रेस के महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच की घोषणा की गई है। यह कुछ और नहीं बल्कि चर्चा में बने रहने का प्रयास है।

जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना, जिसमें 150 लोग थे, की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने के सरकार के फैसले का हवाला देते हुए कहा, 20 नवंबर, 2016 को इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतरी। 150 से अधिक लोगों की जान चली गई। 23 जनवरी, 2017 को तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस दुर्घटना की एनआईए जांच की मांग की। 24 फरवरी, 2017 को प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) कानपुर में कहते हैं ट्रेन दुर्घटना एक साजिश है। 21 अक्टूबर, 2018 को, समाचार पत्रों की रिपोर्ट है कि एनआईए ट्रेन के पटरी से उतरने के मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी। जयराम रमेश ने कहा कि आज तक एनआईए की अंतिम रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक खबर नहीं है।

गौरतलब है कि 275 यात्रियों की मौत के कारण हुई बालासोर ट्रेन दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के लिए सरकार कांग्रेस सहित विपक्ष के निशाने पर है। सोमवार को, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि प्रारंभिक जांच से मिले संकेतों से यह प्रणाली में जानबूझकर हस्तक्षेप का मामला प्रतीत होता है, इसलिए सीबीआई जैसी पेशेवर एजेंसी द्वारा जांच की आवश्यकता है।

रविवार को मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार की भीषण दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वैष्णव ने यह भी कहा कि दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुई। सूत्र ने कहा, जांच के दौरान बहुत सारी जानकारी सामने आई है। कई तरह की जानकारी उपलब्ध कराई गई है, इसके लिए एक पेशेवर जांच एजेंसी की जरूरत है।

खबरों की मानें तो जब तक सिस्टम में जानबूझकर हस्तक्षेप नहीं किया जाता है, तब तक यह असंभव है कि मेन लाइन के लिए निर्धारित रूट को लूप लाइन में बदल दिया जाए। कांग्रेस ओडिशा के बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए भयानक ट्रेन हादसे के लिए वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रही है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia