यूपी में कांग्रेस की नई टीम का ऐलान, अजय लल्लू को कमान, युवाओं के साथ ही वरिष्ठों की सलाहकार समिति भी बनी

कांग्रेस ने अपनी उत्तर प्रदेश इकाई में बदलाव किया है। कांग्रेस ने विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वे राज बब्बर का स्थान लेंगे जिन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने पार्टी पदाधिकारियों में बड़ा फेरबदल किया है। कांग्रेस ने विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। अजय कुमार लल्लू वैश्य समाज से आते हैं और तमकुहीराज से दो बार विधायक रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने राज्य में चार उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिव भी नियुक्त किए हैं।

अजय कुमार लल्लू ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जगदीश मिश्र को हराया था। वह 2012 में भी कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। अजय कुमार कांग्रेस के पूर्वी यूपी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उन्हें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नजदीकी माना जाता है। प्रियंका गांधी जब भी यूपी के दौरे पर आती हैं तो अजय कुमार लल्लू उनके साथ ही नजर आते हैं।


हर पदाधिकारी की जिम्मेदारी-जबाबदेही तय, पिछली कमेटी से दस गुना छोटी है नई कमेटी

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जहां युवाओं को कमान मिली है तो वहीं 18 वरिष्ठ नेताओं की एक सलाहकार परिषद भी गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की पिछली कमेटी में तकरीबन 500 लोग थे, लेकिन नई कमेटी लगभग 40-45 लोगों की है। नई कमेटी के हर पदाधिकारी की खास जिम्मेदारी और जबाबदेही पहले से तय है।

वरिष्ठ नेताओं की परिषद युवाओं का मार्ग दर्शन करेगी। इसके 8 सदस्यों का एक रणनीति कार्यबल या समूह भी बनाया गया है, जिसमें पार्टी के तेजतर्रार नेताओं को रखा गया है। यूपी कांग्रेस की जो नई कमेटी बनी है, उसमें नेताओं की औसत आयु लगभग 40 बरस है। पार्टी ने यूपी कांग्रेस में युवाओं को प्रतिनिधित्व देकर संकेत दे दिया है कि क्या रणनीति होने वाली है।

जातीय दबदबा नहीं बल्कि समावेशी जातीय समीकरण

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जातीय समावेशी फार्मूले को साधा गया है। कमेटी में लगभग 45 फीसदी पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। पिछड़ी जाति में भी हशिए पर खड़ी अतिपिछड़ी जातियों पर ज्यादा फोकस किया गया है। दलित आबादी को करीब 20 फीसदी का नेतृत्व दिया गया है। इस नेतृत्व में प्रभुत्वशाली दलित जातियों के अलावा अन्य जातियों को भी नेतृत्व का मौका मिला है। मुस्लिम नेतृत्व करीब 15 फीसदी है। जिसमें पसमांदा मुस्लिम नेतृत्व पर जोर है।

नई कांग्रेस कमेटी में लगभग 20 फीसदी सवर्ण जातियों का प्रतिनिधित्व है। कांग्रेस ने जातीय समीकरण को समावेशी जातीय प्रतिनिधित्व के फार्मूले से साधने की कोशिश की है। कमेटी में महिलाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है।

नई कमेटी में जनाधार वाले संघर्षशील कार्यकर्ताओं को जगह मिली है। जिसमें कई नए चेहरे भी शामिल हैं। कांग्रेस के नए संगठन से साफ-साफ दिख रहा है कि उत्तर प्रदेश की सड़कें जनांदोलनों से खाली नहीं होंगी। कांग्रेस महासचिव ने भी सोनभद्र, उन्नाव और शाहजहांपुर कांड में अपनी सक्रियता दिखाकर पहले ही साफ कर दिया था कि आने वाली कांग्रेस सड़कों पर लड़ती दिखेगी।


महीनों मंथन, साक्षात्कार और संवाद और जमीनी रिपोर्ट पर तैयार हुई है नई कमेटी

सूत्र बताते हैं कि लगभग चार माह से कांग्रेस की कई टीमें उत्तर प्रदेश की खाक छान रहीं थीं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुद उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं, नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करके सलाह मशविरा ले रहीं थीं। उत्तर प्रदेश में छः राष्ट्रीय सचिव लगातार पूरे प्रदेश का भर्मण कर रहे थे। प्रियंका गांधी के टीम के लोग जिले -जिले घूमकर जमीनी पड़ताल कर रहे थे।

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