स्व. राजीव गांधी पर टिप्पणी के लिए मोदी के प्रचार करने पर तुरंत पाबंदी लगे: कांग्रेस की चुनाव आयोग से मांग

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के प्रचार करने और वोट मांगने की अपील करने पर तुरंत पाबंदी लगाने की मांग कीहै। कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री जिस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं वह आचारसंहिता का उल्लंघन और अदालत का अपमान है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री (स्व. राजीव गांधी) पर आरोप हैं। हकीकत यह है कि बोफोर्स मामले में हाईकोर्ट स्व. राजीव गांधी पर लगे आरोपों को खारिज कर चुका है। इतना ही नहीं पिछले (2018) साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट भी मोदी सरकार की उस अपील को खारिज कर चुका है, जिसमें बोफोर्स मामले में फिर से जांच की बात कही गई थी।

इसी सिलसिले में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री के भाषणों और प्रचार पर तुरंत पाबंदी लगाने की मांग की है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, पूर्व मंत्री राजीव शुक्ला और सलमान खुर्शीद शामिल थे।

चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने पत्रकारों से कहा, “हमने चुनाव आयोग को 5-6 बिंदु बताए हैं जो प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए अजीबों-गरीब अत्यंत गंभीर वक्तव्य से संबंधित हैं।“ अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, “स्व. राजीव गांधी जी के विषय में, एक पूर्व प्रधानमंत्री जी के बारे में इतने घटिया वक्तव्य दिए गए जिनकी भाषा इतनी भद्दी है कि दोहराने में हिचक होती है।“

उन्होंने कहा कि, “लगता है कि बोलने वाले को भारतीय संस्कृति, भारतीय अस्मिता का कोई ध्यान नहीं है, पंरपरा की कोई समझ नहीं है और सस्ती राजनीति के लिए कुछ भी, कहीं भी कह सकते हैं।“ कांग्रेस नेता आरोप लगाया कि लगता है प्रधानमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष के लिए जैसे इस देश में ना कोई संविधान है, ना चुनाव आयोग है, ना आचार संहिता है। उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन ये दोनों व्यक्ति हर कानून का घोर, करीब-करीब बेशर्मी से उल्लंघन कर रहे हैं।

अभिषेक मनु सिंघवी ने तथ्य सामने रखते हुए कहा कि, “लगता है कि प्रधानमंत्री को उनका कोई भी मातहत तथ्यों से अवगत नहीं कराता।“ उन्होंने बताया कि, “ये निर्णय लगभग 14 वर्ष से मैं दोहरा रहा हूं। 4 फरवरी, 2004 का निर्णय है, किसी ने अपील नहीं की उच्चतम न्यायालय में। मैं आपको याद दिला दूं कि लगभग 4 महीने शुरुआत में, लगभग 4 फरवरी से, 2004 मई तक, बीजेपी की सरकार थी। उसके बाद 2014 में मोदी जी की सरकार आई, जो आज इतने अपमान भरे शब्द कह रहे हैं, 2018 फरवरी तक, ये मोदी जी वाली सशक्त 56 इंच वाली सरकार लुप्त थी, सुस्त थी। कोई अपील फाइल नहीं की। साढ़े 4 हजार दिनों बाद यानि लगभग 14 वर्ष बाद फरवरी में एक याचिका फाइल हुई और वो सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी, 2 नवंबर, 2018 में यानी सुप्रीम कोर्ट में वो खत्म हो गई।“

उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री के प्रचार पर तुरंत प्रतिबंध की मांग की है, क्योंकि ऐसा करना चुनाव आयोग की साख के लिए जरूरी है।

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि, “चुनाव आयोग की गाइडलाइन कहती है कि आप किसी भी तरह का इस तरह से आरोप नहीं लगा सकते हैं और इसके बावजूद देश का प्रधानमंत्री उनके (राजीव गांधी के) बारे में गलत बोल रहा है। इसलिए हमने चुनाव आयोग से इसके लिए कार्यवाही की मांग की है और उनको सारे दस्तावेज सौंपे हैं।“

उन्होंने कहा कि, “राजीव गांधी जी ने इस देश को कंप्यूटर दिया, हाथ में मोबाईल फोन दिए, पंचायती राज राजीव गांधी जी ने इस देश को दिया, रोजगार दिए, उन्होंने देश की जनता के लिए इतने काम किए और इन्होंने तो कोई काम नहीं किया। ये एक भी काम नहीं बता सकते हैं जो इन्होंने किया हो।“

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