कांग्रेस ने इथेनॉल नीति पर मोदी सरकार को घेरा, गडकरी के बेटों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया
पवन खेड़ा ने कहा कि एक तरफ- ताऊ जी ऊपर चोरी की कुर्सी पर बैठे हैं, दूसरी तरफ- उनके भतीजे T20 और E20 के नाम पर पैसा कमा रहे हैं। कुल मिलाकर- ये लोग जनता को तगड़ी चपत लगा रहे हैं। वोट मिलावट से जीती सरकार अब मिलावट से देश चला रही है।

कांग्रेस ने गुरुवार को इथेनॉल नीति पर बीजेपी और मोदी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि इथेनॉल से संबंधित सरकार की नीति से सीधे तौर पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बेटों की कंपनियों को फायदा हुआ और इस नीति के जरिये ‘वोट चोरी’ की तरह ‘पेट्रोल चोरी’ की गई है। पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि क्या लोकपाल 130वें संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने से पहले गडकरी और उनके बेटों पर लगे आरोपों की जांच करने का साहस करेगा?
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘7 अगस्त से अबतक पूरे देश में एक ही नारा बुलंद हो रहा है: वोट चोर-गद्दी छोड़। ये सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि हकीकत है। देश में वोट चोरी के अलावा जनता की जेब भी काटी जा रही है। पिछले 11 साल से चुराई कुर्सी पर बैठे प्रधानमंत्री, उनके मंत्री और उनके परिवार वाले भी बहुत कुछ कर रहे हैं। एक तरफ- ताऊ जी ऊपर चोरी की कुर्सी पर बैठे हैं, दूसरी तरफ- उनके भतीजे T20 और E20 के नाम पर पैसा कमा रहे हैं। कुल मिलाकर- ये लोग जनता को तगड़ी चपत लगा रहे हैं। वोट मिलावट से जीती सरकार अब मिलावट से देश चला रही है।"
पवन खेड़ा ने दावा किया, ‘‘नितिन गडकरी 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से ही इथेनॉल उत्पादन के लिए जोरदार पैरवी कर रहे हैं। सितंबर 2018 में गडकरी ने कहा था कि सरकार पांच इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है, जहां लकड़ी आधारित उत्पादों और अलग किए गए नगरपालिका कचरे से इथेनॉल बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इससे डीजल 50 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल का विकल्प 55 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा। लेकिन यह एक "जुमला" निकला।’’
खेड़ा ने कहा कि पांच साल पहले ही 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, ये वादे धरे के धरे रह गए। उन्होंने दावा किया कि पेट्रोल की कीमतें 2014 में 71.41 रुपये से बढ़कर 2025 में 94.77 रुपये और डीजल की कीमतें 55.49 रुपये से बढ़कर 87.67 रुपये हो गई हैं, जबकि इथेनॉल उत्पादन से जुड़ी चीनी मिलें रिकॉर्ड मुनाफ़े के साथ बैंक तक पहुंच रही हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘निखिल गडकरी (नितिन गडकरी के पुत्र) के स्वामित्व वाली सियान एग्रो इंडस्ट्रीज इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एक प्रमुख इथेनॉल आपूर्तिकर्ता है। गडकरी के एक अन्य पुत्र, सारंग गडकरी मानस एग्रो इंडस्ट्रीज में निदेशक हैं, जो भी इथेनॉल का व्यवसाय करती है।’’ खेड़ा ने दावा किया कि सियान एग्रो का राजस्व 18 करोड़ रुपये (जून 2024) से बढ़कर 523 करोड़ रुपये (जून 2025) हो गया, शेयर की कीमत 37.45 रुपये (जनवरी 2025) से 2184 प्रतिशत बढ़कर 638 रुपये (अगस्त 2025) हो गई। यानी- सरकार में बैठे पिता पॉलिसी बना रहे और बेटे पैसा बना रहे हैं।
उनके अनुसार, भारत ने 2025 की समय सीमा से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया और भारतीय इतिहास में यह पहली बार है कि किसी नीति ने समय सीमा से पहले अपना लक्ष्य हासिल किया है। खेड़ा ने दावा किया, ‘‘इंजन की लाइफ, माइलेज और रखरखाव को लेकर नागरिकों की चिंताओं को गडकरी ने खारिज कर दिया है और इसके लिए "पेट्रोलियम लॉबी" को दोषी ठहराया है और इथेनॉल को "स्वच्छ ईंधन" बताया है।’’
पवन खेड़ा ने कहा कि इथेनॉल मिश्रण से इंजन की मियाद लगभग 25 प्रतिशत कम हो जाती है, रखरखाव की लागत 25 प्रतिशत बढ़ जाती है और आधिकारिक अनुमानों की तुलना में माइलेज में अधिक नुकसान होता है। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2021 में इथेनॉल मिश्रण के जरिए किसानों की समृद्धि का वादा मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात साबित हुआ, जिससे माइलेज कम हुआ, लागत बढ़ी, पेट्रोल पंप पर कोई राहत नहीं मिली और मात्र बीजेपी-आरएसएस नेताओं और उनकी कंपनियों को लाभा हुआ?
खेड़ा ने कहा, ‘‘अगर इथेनॉल मिश्रण का उद्देश्य पेट्रोल की कीमत 55 रुपये तक लाना था, तो भारतीयों को अब भी लगभग दोगुना दाम क्यों चुकाना पड़ रहा है और इस अंतर की भरपाई कौन कर रहा है?’’ उन्होंने यह भी सवाल किया, ‘‘क्या ई-20 इथेनॉल को बढ़ावा देना एक सार्वजनिक नीति है या गडकरी के बेटों और उनकी कंपनियों के लिए एक कथित अप्रत्याशित लाभ?
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की शपथ ली है, तो क्या लोकपाल 130वें संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने से पहले गडकरी और उनके बेटों पर लगे आरोपों की जांच करने का साहस करेगा?’’ उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘2014 से ईंधन उपकर से 38.89 लाख करोड़ रूपये इकट्ठा करने के बाद, क्या बीजेपी की इथेनॉल मिश्रण नीति आम भारतीयों की कीमत पर लूट का उसका नया खाका बन गई है?’’
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