जहरीली हवा: कांग्रेस का हमला, 'यह शीतकालीन सत्र नहीं प्रदूषणकालीन सत्र था, सरकार वायु प्रदूषण पर चर्चा से भाग गई'
जयराम रमेश ने कहा कि ये 'विंटर सेशन' नहीं प्रदूषण सेशन था। मैं हैरान हो गया कि कल सरकार की ओर से सदन में जवाब दिया जाता है कि प्रदूषण और फेफड़ों की क्षति के बीच में कोई रिश्ता नहीं है। ये कैसी सरकार है, किस दुनिया में रह रही है कि सारे तथ्यों को नकार रही है?

संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार सुबह समाप्त हो गया, लेकिन दिल्ली और उत्तर भारत की गंभीर वायु प्रदूषण पर चर्चा नहीं हो सकी। दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा से लोगों परेशान है। इस बीच कांग्रेस ने वायु प्रदूषण को लेकर सरकार को घेरा है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ये 'विंटर सेशन' नहीं प्रदूषण सेशन था। मैं हैरान हो गया कि कल सरकार की ओर से सदन में जवाब दिया जाता है कि प्रदूषण और फेफड़ों की क्षति के बीच में कोई रिश्ता नहीं है। प्रदूषण का फेफड़ों पर कोई असर नहीं है। ये आश्चर्यजनक बात है। ये कैसी सरकार है, किस दुनिया में रह रही है कि सारे तथ्यों को नकार रही है?
उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि लोकसभा और राज्यसभा में इस पर बहस हो ताकि हम रचनात्मक सुझाव दे सकें। दुर्भाग्य से, लोकसभा में ही सेशन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी गई। सरकार का यह बयान कि कांग्रेस की वजह से प्रदूषण पर चर्चा नहीं हो पाई, गलत है। मैं इसे पूरी तरह से खारिज करता हूं।"
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 19 दिसंबर को दिल्ली का औसत AQI 346 दर्ज किया गया। राजधानी के 14 इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया, जिससे हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। पटपड़गंज में AQI 470 रिकॉर्ड किया गया। धीमी हवाएं और घना कोहरा प्रदूषण को और ज्यादा गंभीर बना रहे हैं।
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