कांग्रेस ने अडानी मामले को लेकर PM मोदी को घेरा, '2 साल में 12 हजार करोड़ देश से बाहर गए, लोगों की जेब से हुई चोरी'

जयराम रमेश ने कहा कि नए खुलासे से पता चला है कि कैसे प्रधानमंत्री और उनके मित्र भारत के गरीबों और मध्यम वर्ग की कीमत पर खुद को और बीजेपी को समृद्ध कर रहे हैं। यह कोई प्रतीकात्मक लूट नहीं है, यह करोड़ों भारतीयों की जेब से सरेआम चोरी है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि  इस साल की शुरुआत में, कांग्रेस पार्टी ने हम अडानी के हैं कौन श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री मोदी से उनके पसंदीदा बिज़नेस ग्रुप के साथ उनके संबंधों की वास्तविकता को लेकर 100 सवाल पूछे थे। प्रधानमंत्री ने इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने और अपने प्रिय मित्रों के द्वारा की जा रही राष्ट्रीय संपत्ति की अंधाधुंध लूट से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पीआर स्टंट, हेडलाइन मैनेजमेंट और भाषणबाज़ी का सहारा लिया।

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन सच्चाई छुपने वाली नहीं है। राउंड-ट्रिपिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और SEBI कानूनों के खुलेआम उल्लंघन में शामिल अडानी के विश्वस्त लोगों के एक संदेहास्पद नेटवर्क के बारे में नए खुलासे से पता चला है कि कैसे प्रधानमंत्री और उनके मित्र भारत के ग़रीबों और मध्यम वर्ग की क़ीमत पर ख़ुद को और बीजेपी को समृद्ध कर रहे हैं। यह कोई प्रतीकात्मक लूट नहीं है, यह करोड़ों भारतीयों की जेब से सरेआम चोरी है। 

उन्होंने आगे कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स अख़बार के ताज़ा खुलासे से पता चला है कि राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा लगाए गए आरोप कितने सही हैं। DRI को इस बात के सबूत मिले थे कि अडानी ग्रुप कोयला आयात की ओवर-बिलिंग (फ़र्ज़ी ढंग से कोयले की क़ीमतें बढ़ाकर) करके भारत से हज़ारों करोड़ रुपए चोरी-छिपे बाहर भेजे थे। प्रधानमंत्री ने भले ही बाद में जांच को 'रोक' दिया हो और देश की जांच एजेंसियों को बेहद कमज़ोर कर दिया हो, लेकिन फिर भी सच्चाई सामने आ ही गई है।


उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स ने 2019 और 2021 के बीच अडानी समूह द्वारा 3.1 मिलियन टन अडानी की तीस कोयला शिपमेंट का अध्ययन किया है। इसमें पाया गया कि इंडोनेशिया में शिपिंग और बीमा सहित घोषित कुल लागत 142 मिलियन डॉलर (1,037 करोड़ रुपए) थी, जबकि भारतीय सीमा शुल्क के लिए घोषित मूल्य 215 मिलियन डॉलर (1,570 करोड़ रुपए) था। यह 52% प्रॉफिट मार्जिन है या केवल तीस शिपमेंट में 533 करोड़ रुपए की निकासी के बराबर है। अडानी का मोदी-मेड मैजिक कोयला व्यापार जैसे कम मार्जिन वाले व्यवसाय में भी दिखाई देता है।

इससे एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आता है। सितंबर 2021 और जुलाई 2023 के बीच, 2000 कोयला शिपमेंट से अडानी ने कुल 73 मिलियन टन कोयले का आयात किया। इसमें से अडानी ने सीधे तौर पर 42 मिलियन टन और अडानी से जुड़े तीन बिचौलिओं ने 31 मिलियन टन का आयात किया। पिछले दो साल में अडानी ने तीनों कंपनियों को 4.8 अरब डॉलर (37,000 करोड़ रुपए) का भुगतान किया है। यदि तीस शिपमेंट के समान ही लूट मार्जिन को इस राशि पर लागू किया जाए, तो उसके हिसाब से केवल दो वर्षों में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की हेराफेरी हो सकती है। NTPC ने 2022 में अडानी से 17.3 मिलियन टन इंडोनेशियाई कोयले का ऑर्डर दिया था। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पब्लिक सेक्टर को भी लूटा जा रहा है। और चूकी पब्लिक सेक्टर में करदाताओं के पैसे लगे होते हैं इसलिए यह जनता के पैसों की खुलेआम लूट है।

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