बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए कैसे किया कैंब्रिज एनालिटिका का इस्तेमाल, कांग्रेस का खुलासा

कैंब्रिज एनालिटिका का इस्तेमाल कर चुनावों को प्रभावित करने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि ध्यान भटकाने के लिए कानून मंत्री ‘सफेद झूठ’ बोल रहे हैं।

फोटोो : सोशल मीडिया
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विश्वदीपक

कांग्रेस ने बुधवार को बीजेपी और जेडीयू पर विवादित फर्म कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं लेने का आरोप लगाया। कैंब्रिज एनालिटिका पर यूके और अमेरिका में फेसबुक डाटा का इस्तेमाल कर मनोवैज्ञानिक तौर पर वोटरों को प्रभावित करने का आरोप है। उस पर आरोप है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और ब्रेक्जिट जनमत के दौरान वोटरों को प्रभावित किया।

कांग्रेस ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के उन आरोपों को बेबुनियाद जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने इस कंपनी की सेवाएं ली हैं। इस आरोप के बाद कांग्रेस मीडिया सेल प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि, “ (बे)कानून मंत्री की फर्जी कोशिश बेनकाब होने वाली है।”

सुरजेवाला ने कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारियों और कैंब्रिज एनालिटिका की भारतीय शाखा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारियों को सामने रखा। इसमें साफ कहा गया है कि कंपनी ने न सिर्फ 2010 बल्कि संभवत: 2014 में भी बीजेपी के लिए काम किया है।

कंपनी की भारतीय शाखा ऑवलेनो बिजनेल इंटेलीजेंस या ओबीआई पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर कहा कि इसने बीजेपी उम्मीदवारों के लिए राज्यों के और आम चुनावों के दौरान निर्वाचन क्षेत्रवार डाटाबेस हासिल करके उपलब्ध कराया। ओबीआई, कैंब्रिज एनालिटिका की मुख्य कंपनी स्ट्रैटजिक कम्यूनिकेशंस लेबोरेट्रीज यानी एससीएल की सहयोगी है।

सुरजेवाला के पक्ष को वरिष्ठ पत्रकार एनडीटीवी के श्रीनिवासन जैन ने भी एक स्क्रीनशॉट के साथ समर्थन दिया। इसमें बीजेपी की लिप्तता नजर आती है।

बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में सुरजेवाला ने कहा कि, “कैंब्रिज एनालिटिका की वेबसाइट से पता चलता है कि बीजेपी-जेडीयू ने 2010 के चुनाव के लिए इस कंपनी की सेवाएं लीं। कंपनी की भारतीय शाखा ऑवलीन बिजनेस इंटेलीजेंस को बीजेपी के एक सहयोगी दल के सांसद का बेटा चलाता है। 2009 में ओबीआई की सेवाएं मौजूदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे ने भी ली थीं।”

इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कैंब्रिज एनालिटिका पर ‘सेक्स, स्लीज और फेक न्यूज’ का इस्तेमाल कर चुनावों को प्रभावित करने के आरोप हैं। उन्होंने पूछा था कि क्या कांग्रेस भी इसी तरह चुनाव जीतना चाहती है।

इसके जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि, “कांग्रेस पार्टी या उसके अध्यक्ष ने कभी भी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं नहीं ली हैं। यह एक फर्जी एजेंडा और सफेद झूठ है, जोकि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद फैला रहे हैं।”

कानून मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी ट्वीट कर कहा था कि इस मामले की जांच चुनाव आयोग को करनी चाहिए या फिर जांच की सिफारिश करनी चाहिए कि क्या कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाओँ का इस्तेमाल चुनावों में हुआ या नहीं।

कांग्रेस नेताओँ ने रविशंकर प्रसाद पर सफेद झूठ बोलने, महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने और कैंब्रिज एनालिटिका के साथ बीजेपी के संबंधों को छिपाने का आरोप लगाया।

दरअसल इस पूरे मामले द गार्जियन अखबार ने चैनल 4 की एक पड़ताल के हवाले से खुलासा किया था कि कैंब्रिज एनालिटिका ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव और ब्रेक्जिट जनमत के दौरान संदेहास्पद तरीकों को इस्तेमाल किया था।

चैनल 4 की पड़ताल से सामने आया कि कैंब्रिज एनालिटिका के “अधिकारियों ने चैनल 4 के रिपोर्टरों को बताया कि कैंब्रिज एनालिटिका और स्ट्रैटजिक कम्यूनिकेशंस लेबोरेट्रीज (एससीएल) ने दुनिया भर में दो सौ से ज्यादा चुनावों में काम किया है। जिन देशों में कंपनी ने काम किया है उनमें नाइजीरिया, कीन्या, चेक रिपब्लिक, भारत और अर्जेंटीना शामिल हैं।”

एससीएल की भारतीय शाखा एससीएल इंडिया, ओबीआई और एससीएल समूह की साझा कंपनी है। कंपनी की वेबसाइट पर राजनीतिक प्रचार प्रबंध का हवाला दिया गया है।

कंपनी के पेज पर जिन ग्राहकों की सूची है उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की तस्वीरें हैं।

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Published: 21 Mar 2018, 9:45 PM