राहुल गांधी का पीएम को पत्र- 'जन विरोधी नीतियों' के कारण लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरा, दखल दें मोदी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में नए नियमन के मसौदे को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में नए नियमन के मसौदे को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में दखल देने का अनुरोध किया है। राहुल गांधी ने पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वो इस मामले में दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि इस केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के आदेशों को वापस लिया जाए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रशासक प्रफुल्ल द्वारा मनमाने ढंग से लिए गए फैसलों के वजह से और उनके 'जन विरोधी नीतियों' के कारण लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरा पैदा हो गया है। कांग्रेस नेता ने लक्षद्वीप में विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा, 'लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण नियमन का मसौदा इस बात का सबूत है कि प्रशासक की ओर से लक्षद्वीप की पारिस्थितिकी शुचिता को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है।'

राहुल गांधी ने अपने पत्र में दावा किया कि इस मसौदे के प्रावधान लक्षद्वीप में भू स्वामित्व से संबंधित सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं, कुछ निश्चित गतिविधियों के लिए पर्यावरण संबंधी नियमन को कमतर करते हैं और प्रभावित लोगों के लिए कानूनी उपायों को सीमित करते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि कुछ अल्पकालिक वाणिज्यिक फायदों के लिए लक्षद्वीप में जीविका की सुरक्षा और सतत विकास की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने पंचायत नियमन के मसौदे का उल्लेख करते हुए कहा कि दो से अधिक बच्चों वाले सदस्यों को अयोग्य ठहराने का प्रावधान पूरी तरह लोकतंत्र विरोधी है।


कांग्रेस नेता ने कहा कि असामाजिक गतिविधि रोकथाम नियमन, लक्षद्वीप पशु संरक्षण नियमन में बदलाव और शराब की बिक्री पर रोक हटाना लक्षद्वीप के स्थानीय समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक तानेबाने पर हमला है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, 'आप इसमें दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों को वापस लिया जाए।'

गौरतलब है कि केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल ने हाल ही में कई नए आदेश दिए हैं। मसौदा नियमनों के तहत लक्षद्वीप से शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है। इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है। लक्षद्वीप की अधिकतर आबादी मछली पालन पर निर्भर है, लेकिन विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिए हैं।

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