कांग्रेस ने 26 अक्टूबर को देशव्यापी प्रदर्शन का किया ऐलान, आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का विरोध

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला राफेल सौदे को लेकर शुरू होने वाली जांच में बाधा डालने के लिए लिया है। कांग्रेस का कहना है कि आलोक वर्मा जल्द ही इस मामले में जांच के आदेश देने वाले थे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर विपक्ष ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर 26 अक्टूबर को देश भर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यही नहीं कांग्रेस के नेता सीबीआई हेडक्वार्टर के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने यह फैसला राफेल सौदे को लेकर शुरू होने वाली जांच में बाधा डालने के लिए लिया है। कांग्रेस का कहना है कि आलोक वर्मा राफेल विमान सौदे से जुड़े कागजात एकत्र कर रहे थे और जल्द ही वे इस पर जांच के आदेश देने वाले थे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था, “राफेल सौदे की जांच रोकने के लिए पीएम ने सीबीआई निदेशक को हटा दिया।” उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि राफेल बहुत खतरनाक विमान है, आप इससे भाग सकते हैं, लेकिन इससे बच नहीं सकते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, “मोदी सरकार ने सीबीआई की आजादी में आखिरी कील ठोक दी है। सीबीआई का व्यवस्थित विध्वंस और बदनामी अब पूरी हो गई है। एक वक्त की शानदार जांच एजेंसी, जिसकी अखंडता, विश्वसनीयता और दृढ़ता खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया है।”

सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने पर केंद्र सरकार ने कहा था, “विशेष निदेशक द्वारा निदेशक पर आरोप लगाया गया है। विशेष निदेशक पर सीबीआई ने आरोप लगाया है। दो बड़े अधिकारी आरोपों के घेरे में हैं। ऐसे में इस मामले की जांच कौन करेगा? इस मामले में निष्पक्ष जांच की जरूरत है। इसलिए सीबीआई प्रमुख को छुट्टी पर भेजा गया है।” जेटली ने कहा कि सीवीसी की बैठक में यह बात तय हुई थी।

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