देश में शांति और खुशहाली की दुआ के साथ राहुल गांधी ने बरेली के आला हजरत की दरगाह के लिए भेजी चादर

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की गंगा-जमुनी तहजीब को बरकरार रखते हुए बरेली में आला हजरत की दरगाह के उर्स में मजार पर चढ़ाने के लिए चादर भेजी है। उन्होंने आला हजरत को अपनी श्रद्धांजलि पेश करते हुए देश में शांति और खुशहाली की दुआ भी की।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के बरेली शरीफ में स्थित दरगाह आला हजरत के शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। शताब्दी वर्ष समारोह पर आयोजित उर्स समारोह के लिए गुरूवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी तरफ से आला हज़रत की मज़ार पर चादरपोशी के लिए अपनी-अपनी चादरें भेजीं। कांग्रेस अध्यक्ष और सोनिया गांधी की ओर से भेजी गई चादरें कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष नदीम जावेद 2 नवंबर को बरेली जाकर मजार पर चढ़ाएंगे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।

गुरुवार को राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, सलमान खुर्शीद, मीम अफजल, हसन अहमद और हारून यूसुफ की मौजूदगी में चादर नदीम जावेद के हवाले करते हुए हिंदुस्तान की सदीयों पुरानी रिवायत को मजबूत किया। कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष नदीम जावेद ने सोशल मीडीया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है जिसमें वो राहुल गांधी से चादर ले रहे हैं और उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि देश राष्ट्रीय एकता और भाईचारे से चलता रहा है। फकीरों के मज़ार हर मज़हब के लोगों की आस्था का केंद्र रहे हैं। उन्होंने लिखा है, “उतर प्रदेश के बरेली शरीफ में दरगाह आला हज़रत अपना शताब्दी वर्ष समारोह मनाने जा रहा है। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने अपनी तरफ से श्रद्धांजलि पेश करते हुए चादर भेंट की है।”

गौरतलब है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी हर साल आला हजरत के मजार पर चादर पेश करते रहे हैं और इस बार चूंकि उर्स के साथ शताब्दी वर्ष समारोह है, इसलिए देश की शांति और खुशहाली की दुआ के साथ चादर रवाना की गई है। आला हजरत के मजार पर चादर पेश करने के साथ ही सोनीया गांधी और राहुल गांधी ने ये पैगाम भी देने की कोशिश की है कि हिंदुस्तान सभी धर्मों का देश है और यहां के पीरों-फक़ीरों और सूफी-संतों के आस्ताने पर हर धर्म के लोग अपनी श्रद्धांजलि पेश करने पहुंचते हैं।

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