राष्ट्रीय सुरक्षा को दरकिनार कर इलेक्टोरल बॉन्ड को दी गई हरी झंडी, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि सत्तारूढ़ पार्टी को बताना चाहिए कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से उसे कितने हजार करोड़ रुपये का चंदा मिला।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूज वेबसाइट न्यूज लॉन्ड्री ने दावा किया है कि साल 2017 के बजट से ठीक पहले खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इलेक्टोरल बॉन्ड का विरोध किया था। लेकिन मोदी सरकार ने आरबीआई की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड की घोषणा कर दी।

इस रिपोर्ट के आने के बाद से इलेक्टोरल बॉन्ड और मोदी सरकार पर कई सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि चुनावी बॉन्ड से गुमनाम चंदे और धनशोधन में बढ़ोतरी होगी।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि सत्तारूढ़ पार्टी को बताना चाहिए कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से उसे कितने हजार करोड़ रुपये का चंदा मिला। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आरबीआई ने चुनावी बॉन्ड का विरोध किया कि इससे गुमनाम चंदा व धनधोधन में बढ़ोतरी होगी। अब मोदी सरकार बताए कि कितने हजार करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए।


सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘बीजेपी को कितने हजार करोड़ मिले? क्या यह एक हाथ लें और दूसरे हाथ दें वाली बात है? क्या ये है हजारों करोड़ की बीजेपी का मंत्र?’’ उन्होंने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर मोदी सरकार के मंशे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को दरकिनार कर इलेक्टोरल बॉन्ड को हरी झंडी दी गई थी।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को दरकिनार कर इलेक्टोरल बॉन्ड को हरी झंडी दिखाई गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि बीजेपी कालाधन बटोर सके। प्रियंका ने कहा कि कालेधन को खत्म करने के वादे के साथ बीजेपी सत्ता में आई थी, लेकिन वो खुद इससे जुड़ी रही।

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Published: 18 Nov 2019, 5:10 PM