संसद के विशेष सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार, संसदीय दल की बैठक में तय हुई रणनीति

जयराम रमेश ने कहा कि हम पहली बार देख रहे हैं कि पीएम मोदी और उनकी सरकार ने इंडिया बैठक से ध्यान भटकाने के लिए उसी दिन 5 दिन के विशेष सत्र की घोषणा की। सत्र के दौरान कौन-कौन से मुद्दे उठाए जाएंगे, इसकी किसी को जानकारी नहीं दी गई है।

संसद के विशेष सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार, संसदीय दल की बैठक में  रणनीति तय
संसद के विशेष सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार, संसदीय दल की बैठक में रणनीति तय
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र को लेकर आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक हुई। इस बैठक में आगामी 5 दिन के विशेष सत्र में भाग लेने और उस दौरान संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई और रणनीति तय की गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने  कहा कि आज कांग्रेस पार्टी ने फैसला किया है कि हम इस विशेष सत्र में हिस्सा लेंगे, लेकिन चर्चा जनता के मुद्दों पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ ‘मोदी चालीसा’ के लिए हम संसद में नहीं बैठने वाले हैं। चीन और  अडानी से लेकर मणिपुर और मंहगाई से बेरोजगारी तक आम जनता से जुड़े हर मुद्दे पर हम चर्चा की मांग करेंगे।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आज सोनिया गांधी की अध्‍यक्षता में और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्‍व में हमारी पार्लियामेंट्री स्‍ट्रेटजि‍क ग्रुप की बैठक हुई, जिसमें हमने देश के सामने जो महत्‍वपूर्ण मुद्दे हैं, उन पर चर्चा की। आज ताज्जुब की बात ये है कि 18 सितंबर से संसद के विशेष सत्र की घोषणा हुई है और खुद बीजेपी ये स्‍पष्‍ट नहीं कर पा रही कि सत्र में अहम मुद्दे क्‍या हैं? एजेंडा क्‍या है? सदन देश का है, सरकार की एक जवाबदेही बनती है देश के प्रति। देश के प्रति सरकार को पारदर्शी होना चाहिए। न ये सरकार पारदर्शी है, न ये सरकार जिम्‍मेदार है। आज देश अंधेरे में है, जो कुछ भी सुनने में आ रहा है, मीडिया के द्वारा सुनने में आ रहा है, लेकिन वर्तमान की बीजेपी सरकार ने देश को अंधकार में रखा है।


गौरव गोगोई ने कहा कि आज कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह में देश के विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा हुई। शाम को मल्लिकार्जुन खड़गे साहब के निवास पर इंडिया गठबंधन के फ्लोर लीडर्स विचार-विमर्श करेंगे। हमारा ये सिद्धांत है कि सदन देश का है और देश के सामने, देशवासियों के लिए जो सबसे अहम मुद्दे हैं, उसको लेकर सदन के अंदर विचार-विमर्श हो, चर्चा हो और कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से इन अहम मुद्दों पर चर्चा, विचार-विमर्श करने और अपने सुझाव देने के लिए तैयार है।अब बात रह गई सरकार की तो क्‍या वो बताएंगे कि किन मुद्दों पर विचार होगा? क्‍या वो अपना एजेंडा बताएंगे, कब बताएंगे?

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है, पहले से विषय की जानकारी सभी पार्टियों को होती है, पार्टियों के साथ बातचीत होती है, अलग-अलग नेताओं के साथ बातचीत होती है। एक मोटे तौर से एजेंडा तय किया जाता है और विशेष सत्र बुलाया जाता है। ये पहली बार हमें देखने को मिल रहा है कि अचानक जब ‘इंडिया’ पार्टियों की बैठक हो रही थी मुंबई में, उस बैठक से ध्यान हटाने के लिए प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सहयोगी घोषणा करते हैं कि संसद का पांच दिन का विशेष सत्र होगा।

जयराम रमेश ने कहा कि क्या विषय इस सत्र में लिए जाएंगे, उसकी जानकारी हमारे पास नहीं है और जो पार्लियामेंट्री बुलेटिन में छपा है, वो भी देखने वाली बात है। पार्लियामेंट्री बुलेटिन में छपा है- 18 तारीख को गवर्नमेंट बिजनेस, 19 तारीख को गवर्नमेंट बिजनेस, 20 तारीख को गवर्नमेंट बिजनेस, 21 तारीख को गवर्नमेंट बिजनेस, 22 तारीख को गवर्नमेंट बिजनेस। ये क्या एकतरफा तोप चलाई जा रही है? हमें कोई जानकारी नहीं, कोई विचार-विमर्श नहीं, कोई बातचीत नहीं, कोई वार्तालाप नहीं।


कांग्रेस नेता ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि हमारा रचनात्मक सहयोग हमेशा के लिए है। पर हम चाहते हैं कि जो जनता के मुद्दे हैं- आर्थिक मुद्दे, राजनीतिक मुद्दे, सामाजिक मुद्दे, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए। किस रूल के तहत उस पर बातचीत हो सकती है। अलग-अलग नियम हैं लोकसभा में, राज्यसभा में, उस पर हम बातचीत कर सकते हैं। पर ये नामुमकिन है कि 5 दिन के लिए सिर्फ गवर्नमेंट बिजनेस हो। तो हमारी मौजूदगी किसके लिए है… सिर्फ देखने के लिए और प्रधानमंत्री की वाह-वाह करने के लिए, उनके गुणगान सुनने के लिए!

जयराम रमेश ने कहा कि बैठक में तय हुआ कि आर्थिक मुद्दे, राजनीतिक मुद्दे, विदेश नीति से जुड़े मुद्दे, हमारी सीमाओं पर जो चुनौतियां हैं, उसे लेकर मुद्दे हैं, उन पर भी चर्चा होनी चाहिए। 5 दिन का सत्र है, 11 से 6 बजे तक चलेगा। सिर्फ ‘मोदी चालीसा’ के लिए हम नहीं बैठने वाले हैं। सार्वजनिक तौर से जो मुद्दे उन्हें उठाने के लिए हम जरूर सरकार से बात करेंगे। हमें उम्मीद है कि इस विशेष सत्र में सरकार विपक्ष को भी साथ लेकर चलेगी और इस मंशा से कि गवर्नमेंट बिजनेस जो हैं उनकी जानकारी हमें पहले से ही उपलब्ध हो तो बेहतर होगा। नहीं तो जो 5 अगस्त, 2019 में हुआ था कि 11:30 बजे को एक मसौदा पेश किया जाता है और कहा जाता है कि इसको आज ही पास करना है, ऐसा नहीं होना चाहिए। तो इसी भावना के साथ, इसी सकारात्मक भावना के साथ हम इस विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं।

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