विपक्ष को आंख दिखाने के बजाय दुश्मन से निपटें, कांग्रेस ने चीनी घुसपैठ पर मोदी सरकार से मांगे जवाब

कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि 5 मई, 2020 से आज तक भारत की कितनी जमीन पर चीनी सेना द्वारा कब्जा हुआ है? पिछले दौर की वार्ता के बाद कौन से इलाकों से चीनी सेना हटी है? साथ ही बताएं कि चीनी सैनिक भारत भूमि में घुसे कैसे, इसका जिम्मेदार कौन है?

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चीन द्वारा लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस ने कहा कि सवाल पूछने पर विपक्ष को आंख दिखाने की बजाय सरकार दुश्मन से निपटे तो बेहतर रहेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भारत-चीन सीमा के हालात पर सवाल पूछे जाने पर केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा आलोचना किए जाने पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस सरकार में सबकुछ निराला है। देश के रक्षा मंत्री शेरो-शायरी में व्यस्त हैं और कानून मंत्री चीन पर बोल रहे हैं।

कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने बुधवार को कहा कि मोदी सरकार चीनी घुसपैठ पर अपना रुख सख्त करने के बजाय, राहुल गांधी और विपक्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा पर विफलता को लेकर सवाल उठाने पर लाल आंख दिखा रही है। उन्होंने कहा कि अगर भारत भूमि पर अतिक्रमण होता है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम सरकार से सीधे सवाल पूछें। कानून मंत्री जो लाल आंख विपक्ष को दिखा रहे हैं, उसके बजाय देश के दुश्मनों को दिखाएं, तो बेहतर होगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हर देशवासी को सीमा पर बने हालातों की जानकारी लेने का हक है। लेकिन बीजेपी सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए हर बार हमारी सैन्य शक्ति के पीछे छिपकर सवालों से बचने की कोशिश करती है। यह आश्चर्यजनक है कि रक्षा मंत्री के पास चुनावी रैलियों के लिए समय है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने के लिए नहीं।

मनीष तिवारी ने कहा कि रक्षा मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवालों के जवाब देने से डर रहे हैं। जब रक्षा मंत्री वर्चुअल रैली में सरकार की उपलब्धियों को गिना सकते हैं, तो फिर राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवालों के जवाब देकर देशवासियों को सीमा के हालातों के बारे में आश्वस्त करना चाहिए।

पूर्व केद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले लगभग 35 दिनों से देश की सरहद पर बहुत ही संवेदनशील परिस्थिति बनी हुई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने भी स्वीकार किया है कि अच्छी-खासी संख्या में चीनी सैनिक भारत की सीमा में घुस आए हैं। पैंगोंग त्सो झील, गालवान घाटी, नाकु ला जैसे नामों को भारतीयों ने कभी नहीं सुना था, लेकिन आज बच्चों तक को इनके बारे में पता है क्योंकि ये सभी वे स्थान हैं, जहां चीनी सैनिकों ने भारतीय भूमि पर अतिक्रमण किया है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि चीनी अतिक्रमण की खबरों से पूरा देश चिंतित है। लेफ्टिनेंट जनरल पनाग, लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मेनन, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक, कर्नल अजय शुक्ला जैसे बहुत से रक्षा विशेषज्ञों ने लेख लिखकर सरकार से सवाल पूछे हैं। जनरल हुड्डा सहित इनमें से कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने भारत की लगभग 40-60 किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है। इन लोगों ने अपना पूरा जीवन देश और सेना की सेवा में समर्पित कर दिया है। जब सेना से जुड़े लोग सरकार से सीधे और तीखे सवाल पूछें, तो इसका सीधा तात्पर्य यही है कि स्थिति गंभीर है।

मनीष तिवारी ने कहा कि कुछ जगहों से सैनिकों के वापस लौटने की बात सामने आई है। लेकिन कई जगहों पर स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। रक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि इस बातचीत में चीन का रुख बहुत कड़ा रहा है। लेकिन सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है। जब देश की सुरक्षा, एकता, अखंडता, संप्रभुता के सवाल होते हैं, तो देश उम्मीद करता है कि पीएम, रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव या कोई और जिम्मेदार अधिकारी आएगा और हमें स्थिति के बारे में बताएगा लेकिन इस तरह की कोई पहल नहीं हुई।

मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि 5 मई, 2020 से लेकर आज तक भारत की कितनी जमीन पर चीनी सेना द्वारा कब्जा किया गया है? साथ ही, प्रधानमंत्री देश को बताएं कि पिछले दौर की बातचीत के बाद कौन से इलाकों से चीन की सेना हटी है? साथ ही प्रधानमंत्री से एक सवाल यह है कि गालवान घाटी में पैंगोंग त्सो झील से चीनी सेना को हटाने के लिए सरकार क्या कर रही है, जहां चीन अपने सैनिकों और तंबुओं के साथ बैठा है?

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से चीनी घुसपैठ को लेकर भी सवाल है कि चीनी सैनिक भारत भूमि में घुसे कैसे? इसका जिम्मेदार कौन है? क्या सरकार इसकी जवाबदेही तय करेगी? इन सारे सवालों के जवाब देश जानना चाहता है।

इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर रिपोर्टिंग कर रहे हमारे पत्रकारों को रोक कर हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को तोड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने पूछा कि आखिर बीजेपी देशवासियों से अपनी कौन सी विफलता छुपाना चाहती है? उन्होंने कहा कि अखबारों की खबरों को मैनेज करना और संकट का मुकाबला करने में अंतर होता है। और इस समय यह हास्यास्पद है कि बीजेपी सीधे जवाब देने में असमर्थ है।

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Published: 10 Jun 2020, 8:11 PM
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