कांग्रेस ने राज्यसभा में दिखाया मोदी सरकार को आइना, कहा ‘गेम चेंजर नहीं, नेम चेंजर है सरकार’

राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्र की मोदी सकरार ‘गेम चेंजर’ नहीं बल्कि सिर्फ ‘नेम चेंजर’ है।

राज्यसभा टीवी का ग्रैब
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नवजीवन डेस्क

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि “बीजेपी सरकार ने यूपीए सरकार के दौरान लॉन्च की गई तमाम योजनाओं के नाम बदले हैं। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि यह सरकार 'गेम चेंजर' नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ 'नेम चेंजर' है।” आजाद ने कहा कि, “केंद्र की योजनाएं सिर्फ दिखावे के लिए हैं, क्योंकि यह अभी तक जमीनी स्तर पर नहीं आ सकी हैं। चाहे वह स्टार्टअप इंडिया हो या स्किल इंडिया। कश्मीर में मौजूदा हालात बेहद खराब है जबकि मनमोहन सरकार में हालात ऐसे नहीं थे।” उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की जन औषधि योजना का नाम प्रधानमंत्री जन औषधि कर दिया गया, राष्ट्रीय बाल कार्यक्रम का नाम, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कर दिया गया।

गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक के मुद्दे पर भी मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “आपने शिया और सुन्नी को बांटा, अब आप पति-पत्नी को बांट रहे हैं। आप पति को जेल में डालकर कह रहे हैं कि आप महिला को बचा रहे हैं। हम एकसाथ तीन तलाक के खिलाफ हैं, लेकिन इसे अपराध की श्रेणी में डाले जाने का समर्थन नहीं करते।”

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से जारी गोलाबारी पर भी आजाद ने सरकार को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि, “इस सरकार के दौर में सीजफायर उल्लंघन की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं और सबसे ज्यादा सैनिकों की मौत हुई है।” उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष कश्मीर के मुद्दे पर सरकार के साथ है, लेकिन आज वहां के जो हालात हैं, वैसे बीते 70 सालों में कभी नहीं रहे।

गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार की तरफ से पेश किए जा रहे आंकड़ों की भी सच्चाई सामने रखी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के शासनकाल में 24.03 करोड़ बैंक खाते खोले गए थे, जबकि बीजेपी सरकार के आने के बाद सिर्फ 7 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। उन्होंने सीधा हमला करते हुए कहा कि, “राजनीति में कुछ तो ईमानदारी बरतना चाहिए। योजनाओं को रिपैकेज करने की कला बीजेपी सरकार से ज्यादा कोई नहीं जानता।”

गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार की एक और योजना का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना पहले 161 जिलों में थी, जिसे अब 600 जिलों में लाया गया है। लेकिन इसके लिए बजट में पैसे का प्रावधान पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले इस मद में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान था जो बढ़कर कम से कम 800 करोड़ रुपए होना चाहिए था, लेकिन सच्चाई यह है कि इसके लिए सिर्फ 80 करोड़ रूपए का बजट रखा गया है।

आजाद ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और बलात्कार की घटनाओं के लिए भी मोदी सरकार की संवेदनहीनता को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि बच्चियों के साथ हो रही इन घटनाओं के लिए क्या कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उनके मुद्दों को लेकर संवेदनशील थी, इसीलिए निर्भया कांड के बाद एक कड़ा कानून बनाया, लेकिन मौजूदा सरकार इस मोर्चे पर कुछ नहीं कर रही है।

उन्होंने सरकार पर आत्ममुग्धता का आरोप लगाया और कहा कि, “एक आरटीआई जवाब में पता चला है कि इस सरकार ने अपनी छवि चमकाने पर 550 करोड़ रुपए खर्च कर दिए।” उन्होंने मोदी सरकार को 15 लाख रुपए का वादा याद दिलाया और कहा कि, “हर किसी के खाते में 15 लाख जाने वाले थे और युवाओं को 10 करोड़ नौकरियां मिलने वाली थीं। उस वादे का क्या हुआ?”

आजाद ने पेट्रोल-डीजल के रोज बढ़ते दामों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि, “2014 में आपने वादा किया था कि किसानों की आमदनी बढ़ेगी, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम कम होंगे। लेकिन पहले जो रसोई गैस सिलेंडर 300 रुपए का मिलता था, अब 800 रुपए का मिलता है।”

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Published: 05 Feb 2018, 5:45 PM