कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर शुरू की भूख हड़ताल, 'बहरी सरकार को जगाना जरूरी'
तारिक हमीद कर्रा ने कहा, ‘‘भूख हड़ताल का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी के उस अभियान को और तेज़ करना है, जो पिछले छह महीनों से जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों में इस अंधी, बहरी और गूंगी सरकार को जगाने के लिए चल रहा है।’’

जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग लगातार जारी है। इस बीच कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने रविवार को केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर ‘हमारी रियासत हमारा हक’ अभियान के तहत क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के नेतृत्व में कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित दर्जनों पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल शुरू की।
महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद तारिक हमीद कर्रा ने कहा, ‘‘शनिवार को श्रीनगर और जम्मू में एक साथ क्रमिक भूख हड़ताल शुरू होनी थी, लेकिन रक्षा बंधन के त्योहार के कारण जम्मू में इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल का स्थान रेजीडेंसी रोड पर शहीद चौक स्थित पार्टी मुख्यालय के पास स्थानांतरित कर दिया जाएगा, क्योंकि प्रशासन ने पार्टी को प्रतिभागियों के लिए बड़ा तंबू लगाने की अनुमति नहीं दी।
श्रीनगर में 9 अगस्त को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार क्रमिक भूख हड़ताल शुरू हुई और 15 और 16 अगस्त को छोड़कर 21 अगस्त तक जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘भूख हड़ताल का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी के उस अभियान को और तेज़ करना है, जो पिछले छह महीनों से जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों में इस अंधी, बहरी और गूंगी सरकार को जगाने के लिए चल रहा है।’’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम महाराजा की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया, जो डोगरा शासकों द्वारा गठित देश का सबसे बड़ा राज्य था।’’
बता दें, केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को राज्य का दर्जा घटाकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। केंद्र ने उस दिन अनुच्छेद 370 और 35ए को भी निरस्त कर दिया था।