मणिपुर को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- केवल खबरों पर नियंत्रण करने और भाषणों पर ध्यान दे रही है सरकार

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘आज पूरी सरकार सिर्फ सुर्खियों को नियंत्रित करने पर जोर दे रही है। वह भाषणों पर अधिक निर्भर है। पूरी सरकार चाहती है कि देश उनके भाषणों, इवेंट मैनेजमेंट पर ध्यान दे। सरकार वास्तविक स्थिति पर ध्यान नहीं दे रही।’’

फोटोः PTI
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने मंगलवार को मणिपुर में अशांति की स्थिति का जिक्र करते हुए सरकार पर केवल भाषणों और खबरों पर ध्यान देने तथा वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। लोकसभा में मंगलवार को वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच, 2021-22 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों और मणिपुर के बजट पर चर्चा हुई।

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘आज पूरी सरकार सिर्फ सुर्खियों को नियंत्रित करने पर जोर दे रही है। वह भाषणों पर अधिक निर्भर है। पूरी सरकार चाहती है कि देश उनके भाषणों, इवेंट मैनेजमेंट पर ध्यान दे। सरकार वास्तविक स्थिति पर ध्यान नहीं दे रही।’’

उन्होंने कहा कि 2023 में सदन में अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में जल्द शांति लाने का आश्वासन दिया था लेकिन करीब 21 महीने बाद भी राज्य की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।

गोगोई ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मणिपुर में जल्द शांति की बात कही थी तो वह बताएं कि राज्य में राष्ट्रपति शासन क्यों लगाया गया।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री अमित शाह सदन में बताएं कि मणिपुर विधानसभा की स्थिति क्या है और वह भंग हो चुकी है या निलंबित है।

गोगोई ने कहा, ‘‘गृह मंत्री को राज्य में राष्ट्रपति शासन की नैतिक जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। उन्हें अपनी विफलता के संदर्भ में राजधर्म का पालन करना चाहिए।’’ं


कांग्रेस सदस्य ने कहा कि देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र में शांति ‘बंदूक के दम पर और पुलिस की गश्त’ से नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के लोगों की बात को धैर्य से सुनना होगा।

गोगोई के भाषण के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदस्य केवल अनुदान की अनुपूरक मांगों पर बोल सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्य को अनुदान की अनुपूरक मांगों पर बात करनी चाहिए और कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

गोगोई ने जब संसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री के सदन में नहीं होने की बात कही तो अध्यक्ष बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी देश से बाहर जाते हैं तो सूचित करके जाते हैं।

गोगोई ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करते हैं, लेकिन सत्तापक्ष के लोग हमेशा पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति अपमानजनक शब्द बोलते रहते हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने पिछले महीने सदन में अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्रियों पर लगातार निशाना साधा।

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