कोविड से हुई मौत के आंकड़ों में ‘अंतर’ को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, 'आंकड़े कम बताया गए थे'

जयराम रमेश ने कहा, “हमें हमेशा से यह पता था कि सरकार ने कोविड-19 से हुई मौतों को सुनियोजित तरीके से कम करके बताया है, लेकिन अब यह सामने आया है कि सिर्फ 2021 में पूरे भारत में 20 लाख अतिरिक्त मौतें हुई।”

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने कोविड-19 से हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़ों और नागरिक पंजीकरण प्रणाली के आंकड़ों के बीच कथित अंतर को लेकर रविवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार से यह उम्मीद करना बहुत ज्यादा होगा कि वह अपने असंवेदनशील और मूर्खतापूर्ण निर्णयों पर कोई पछतावा या शर्म प्रकट करेगी, लेकिन जब इतिहास लिखा जाएगा तो इस घृणित कृत्य को अवश्य दर्ज किया जाएगा।

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि पांच साल से ज्यादा समय पहले दुनिया कोविड-19 से तहस-नहस हो गई थी। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “उसी समय यह साफ हो गया था कि भारत ने इस महामारी की वजह से ऐसी तबाही देखी है जैसी हमने एक सदी से भी अधिक समय में नहीं देखी थी।”

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रवासी मजदूरों के संकट से लेकर वैक्सीन की बनावटी कमी तक, सामूहिक मौतों और ऑक्सीजन की भारी कमी से लेकर प्रधानमंत्री की बंगाल में चुनावी प्रचार करने की जिद तक- महामारी के दौरान मोदी सरकार की सबसे क्रूर और अमानवीय हरकतें देखने को मिली।


उन्होंने कहा, “हमें हमेशा से यह पता था कि सरकार ने कोविड-19 से हुई मौतों को सुनियोजित तरीके से कम करके बताया है, लेकिन अब यह सामने आया है कि सिर्फ 2021 में पूरे भारत में 20 लाख अतिरिक्त मौतें हुई।”

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “इनमें से अधिकतर मौतें कोविड-19 महामारी की वजह से हुई। और यह 20 लाख का अनुमान आधिकारिक रूप से दर्ज की गई 3.3 लाख मौतों से लगभग छह गुना अधिक है।”

उन्होंने नागरिक पंजीकरण प्रणाली डेटा का हवाला देते हुए एक ग्राफ भी साझा किया। रमेश ने दावा किया कि कोविड महामारी से हुई मौतों की संख्या को कम करके दिखाने में प्रधानमंत्री का गृह राज्य गुजरात अव्वल रहा - वहां गुजरात सरकार द्वारा स्वीकार की गई संख्या से 33 गुना अधिक मौतें दर्ज की गईं।

उन्होंने कहा, “इस सरकार से यह उम्मीद करना बहुत ज्यादा होगा कि वह अपने असंवेदनशील और मूर्खतापूर्ण निर्णयों पर कोई पछतावा या शर्म प्रकट करेगी -लेकिन जब इतिहास लिखा जाएगा, तो इस घृणित कृत्य को अवश्य दर्ज किया जाएगा।”

इस महीने की शुरुआत में, आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि 2020-2021 के लिए भारत में कुल मृत्यु दर अपेक्षित मौतों से 9.3 प्रतिशत अधिक थी। यह आंकड़ा अमेरिका, इटली और रूस से कम था।

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