तेल कीमतों पर कांग्रेस ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा - बीजेपी का नाम होना चाहिए 'भयंकर जनलूट पार्टी'

देश में बेतहाशा बढ़ रहे तेल के दामों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार आम लोगों को टैक्स के नाम पर लूट रही है। कांग्रेस ने बीजेपी को 'भयंकर जनलूट पार्टी' काम देते हुए तेल के दामों में कटौती की मांग की है।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में बेतहाशा बढ़ रहे पेट्रोल-डीज़ल के दामों को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार आम लोगों को टैक्स के नाम पर लूट रही है। कांग्रेस ने बीजेपी को 'भयंकर जनलूट पार्टी' काम देते हुए तेल के दामों में कटौती की मांग की है। कांग्रेस ने कहा है कि "ईंधन टैक्स जीवी सरकार देश की जनता के लिए अभिशाप बन चुकी है। यह सरकार 2014 से अब तक तेल पर टैक्स लगाकर 21.5 लाख करोड़ की लूट कर चुकी है।" कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रोफेसर गौरव भल्ला ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी को नया नाम देते हुए 'भयंकर जनलूट पार्टी' की संज्ञा दी।

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि मई 2019 से आज तक पेट्रोल की कीमत 15.21 रुपए और डीज़ल की कीमत 15.33 रुपए बढ़ चुकी है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार दोनों हाथों से देश की जनता की जेब लूट रही है और उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो देश में महंगाई की मार है और दूसरी तरफ पेट्रोल 100 और डीजल 90 रुपए प्रति लीटर पार कर चुका है।

कांग्रेस ने पेट्रोल डीज़ल पर लगातार बढ़ते टैक्स की सच्चाई सामने रखी। कुछ बिंदु सामने रखते हुए कांग्रेस ने कहा कि जो सरकार खुद नाकाम है वह पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढ़ोत्तरी के लिए भी पिछली सरकारों को दोषी ठहरा रही है। कांग्रेस ने बीते सालों में तेल के नाम पर 21.5 लाख करोड़ की सच्चाई सामने रखी:

26 मई 2014 को कच्चे तेल की कीमत 108.05 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी,जबकि 19 फरवरी 2021 यानी आज कच्चे तेल की कीमत 63.55 डॉलर प्रति बैरल है। इसके बावजूद मई 2014 में पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपए थी जो आज बढ़कर दिल्ली में 90.19 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यानी कच्चे तेली की कीमतों में 41 फीसदी कमी के बावजूद पेट्रोल के दामों में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई।

इसी तरह मई 2014 में डीजल की कीमत 57.28 रुपए प्रति लीटर थी, जो आज दिल्ली में 80.60 रुपए प्रति लीटर है। इस तरह डीजल के दामों में 40.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी गई।

कांग्रेस ने कहा कि आज कच्चे तेल की कीमत के हिसाब से पेट्रोल के दाम 32.75 रुपए और डीजल के दाम 33.33.46 पैसे होनी चाहिए। फिर भी मोदी सरकार पेट्रोल को 90 रुपए और डीजल को 80 रुपए प्रति लीटर क्यों बेच रही है? कांग्रेस ने कहा कि इसका सीधा अर्थ है कि मोदी सरकार पेट्रोल पर 258 फीसदी और डीजल पर 820 फीसदी टैक्स लगाकर लोगों की जेब पर डाका डाल रही है।


कांग्रेस ने बताया कि मोदी सरकार के शासन में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन 53,66,000 मीट्रिक टन गिर गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि यूपीए शासन में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन कुल घरेलू कच्चे तेल की खपत का 23.4 फीसदी था, जो मोदी कार्यकाल में गिरकर 15.8 फीसदी रह गया है। कांग्रेस ने कहा कि "सच्चाई यह है कि घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन 2020 में बीते 18 साल का सबसे कम उत्पादन था।" कांग्रेस ने पूछा है कि क्या मोदी सरकार इसका तर्कपूर्ण कारण बता पाएगी?

कांग्रेस ने कहा कि पीएम बातें बहुत करते हैं लेकिन सच्चाई कभी सामने नहीं रखते, क्योंकि सच्चाई यह है कि कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनी ओएनजीसी का बजट ही मोदी सरकार ने कम कर दिया है। साल 2020-21 में ओएनजीसी का बजट 32.501 करोड़ था जिसे 2021-22 में घटाकर 29,800 करोड़ कर दिया गया है।

कांग्रेस ने कहा कि इतना ही नहीं मोदी सरकार ने गुजरात की डूबी हुई कंपनी गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कार्पोरेशन को जबरन ओएनजीसी को बेच दिया जिससे ओएनजीसी पर 24,881 करोड़ का कर्ज हो गया।

कांग्रेस ने मांग की कि मोदी सरकार तेल की लूट को बंद करे और देश के 130 करोड़ नागरिकों को पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती कर राहत दे।

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