सरकारी संस्थानों को खत्म करने की साजिश, भारत की आत्मा पर आघात है: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि ये संस्थान जनता के हित के लिए बनाए गए थे- युवाओं को रोजगार देने और आपको सस्ती, भरोसेमंद सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए। आज इन्हें ही बीमार बनाकर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। यह सिर्फ निजीकरण नहीं, भारत की आत्मा पर आघात है।

सरकारी संस्थानों को खत्म करने की साजिश, भारत की आत्मा पर आघात है: राहुल गांधी
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारत प्रतिरक्षा और जैविक निगम लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) के कर्मचारियों का दर्द साझा करते हुए आरोप लगाया कि सरकारी संस्थानों को खत्म करने की गहरी साजिश के तहत उनकी स्थिति खराब की जा रही है, जो भारत की आत्मा पर आघात है। उन्होंने बीआईबीसीओएल के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का वीडियो साझा करते हुए कहा कि एनडीए सरकार की निजीकरण की नीति भारत के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है।

उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने अपने अपने व्हाट्सएप चैनल पर पोस्ट किया, ‘‘सरकारी संस्थाओं का दमन और उनका निजीकरण आज एनडीए सरकार की सबसे बड़ी गलती है, और यह भारत के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी कुछ दिनों पहले जनसंसद में भारत प्रतिरक्षा और जैविक निगम लिमिटेड के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई। उन्होंने जो हालात बताए, वो सुनकर आप सिर्फ हैरान नहीं होंगे, स्तब्ध रह जाएंगे।’’


राहुल गांधी ने दावा किया कि इस सरकारी कंपनी के कर्मचारियों को वर्षों से वेतन नहीं मिला है और घर का खर्च चलाने के लिए वे कर्ज, उधार आदि पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि यह वही बीआईबीसीओएल है, जो भारत में टीका बनाने वाली एकमात्र सरकारी कंपनी है और जिसने पोलियो जैसी भयंकर बीमारी के उन्मूलन में ऐतिहासिक योगदान दिया है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सरकार को कम कीमत पर टीका उपलब्ध कराने और हर बच्चे तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका निर्णायक रही है। लेकिन 2017 तक मुनाफ़े में चल रही इस कंपनी को जानबूझकर, योजनाबद्ध तरीके से घाटे में बदल दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी को इस स्थिति में पहुंचाया गया ताकि सरकारी ठेका निजी कंपनियों को सौंपे जा सकें, निजी कंपनियां महंगे दाम पर टीका बेचकर भारी मुनाफा कमाएं, उसकी कीमत आपकी जेब से निकाली जाए और एक दिन बीआईबीसीओएल को नुकसान के नाम पर बंद कर इसकी संपत्ति मुफ्त या सस्ते दामों में पूंजीपति मित्रों में बांट दी जाए।


कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जानकारी होनी चाहिए कि बुलंदशहर में स्थित इस कंपनी की जमीन और संपत्ति काफी महंगी है, खास कर जेवर हवाई अड्डे की घोषणा होने के बाद, उसके पास होने के कारण इसकी कीमत आसमान छू रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कर्मचारियों की आर्थिक पीड़ा सरकार से साझा की है। उनके द्वारा आश्वासन दिया गया है कि कर्मचारियों का लंबित वेतन और बकाया जल्द भुगतान किया जाएगा।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी संस्थानों को धीरे-धीरे खत्म करने की यह साजिश बहुत गहरी है, और यह भारत के भविष्य के लिए बेहद नुकसानदेह है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ये संस्थान जनता के हित के लिए बनाए गए थे- युवाओं को रोज़गार देने और आपको सस्ती, भरोसेमंद सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए। आज इन्हें ही बीमार बनाकर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। यह सिर्फ़ “निजीकरण” नहीं है, यह जनता की जेब पर हमला है, और भारत की आत्मा पर आघात है।’’

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