Constitution Day: राहुल गांधी बोले- संविधान किताब नहीं, हर नागरिक से किया वादा, संविधान सुरक्षित तो अधिकार भी सुरक्षित
संविधान दिवस पर राहुल गांधी ने कहा कि संविधान सिर्फ किताब नहीं, यह हर नागरिक से किया गया पवित्र वादा है। उन्होंने कहा कि संविधान सुरक्षित रहेगा तो अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे।

संविधान दिवस पर कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका को आगे बढ़ाते हुए सुनियोजित तरीके से संविधान के सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रक्रियाओं को कमजोर कर रहे हैं।
लोकसभ में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह संविधान पर होने वाले हर प्रहार के सामने सबसे पहले खड़े रहेंगे। संविधान दिवस के मौके पर राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है। वादा यह कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा।"
उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है, उनकी शक्ति है और हर एक नागरिक की आवाज है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं।
राहुल गांधी ने कहा, "आइए, हम प्रण लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का आक्रमण नहीं होने देंगे। इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इस पर होने वाले हर प्रहार के सामने सबसे पहले खड़ा रहूंगा।"
उन्होंने कहा, "आप सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद, जय संविधान।"
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "26 नवंबर 1949, शनिवार को संविधान सभा की बैठक सुबह 10 बजे डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में शुरू हुई। भारतीय संविधान के मसौदे को अंगीकार करने के प्रस्ताव पर औपचारिक मतदान होने से पहले-जिसे डॉ. आंबेडकर ने ठीक एक दिन पहले प्रस्तुत किया था - डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने संविधान सभा को संबोधित किया।"
कांग्रेस नेता ने राजेंद्र प्रसाद और भारत के तत्कालीन गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी के भाषणों का उल्लेख किया।
उन्होंने दावा किया, "यह सब भारत के संविधान निर्माण के इतिहास का हिस्सा है, जिसमें आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी। वास्तव में, संविधान अपनाए जाने के बाद आरएसएस की भूमिका संविधान पर हमला करने और उसे कमजोर करने की रही है। उसी भूमिका को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी सुनियोजित तरीके से संविधान के सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रक्रियाओं को कमजोर कर रहे हैं।’’
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