उत्तराखंड में तबाही का सिलसिला जारी! कर्णप्रयाग में 38 मकानों में दरारें आने से आशियाना छोड़ने को मजबूर हुए लोग

सबसे पहले चमोली जिले के जोशीमठ में मकानों में दरारें की खबरें आई थीं। चमोली में अब तक सैकड़ों मकान तबाह हो चुके हैं। मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों ने खुद सुरक्षित ठिकाना ढूंढा था।

फोटो: शोसल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग में मकानों में दरारों का सिलसिला जारी है। मकानों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं। कर्णप्रयाग क्षेत्र में 38 घरों में दरारें आ गई हैं। इस सबंध में जानकारी देते हुए कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने बताया, "मकानों में दरारें आने से 38 परिवार प्रभावित हुए हैं, मकान खाली करने के बाद सभी प्रभावित परिवारों को नगर पालिका के रैन बसेरों और ITI कॉलेज की कक्षाओं में स्थानांतरित कर दिया गया है।" सवाल यह है कि अब इन परिवारों का आगे क्या होगा? इसका स्थायी समाधान क्या है? इस बारे में तहसीलदार ने कुछ नहीं बताया।

जोशीमठ के मकानों में सबसे पहले आई दरारें

सबसे पहले चमोली जिले के जोशीमठ में मकानों में दरारें की खबरें आई थीं। जोशीमठ में अब तक सैकड़ों मकान तबाह हो चुके हैं। मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों ने खुद सुरक्षित ठिकाना ढूंढा। वहीं, कई परिवारों को सरकार ने स्थानतरित किया। हालांकि अभी भी इन परिवारों का कोई स्थायी हल नहीं निकाला जा सका है। अभी भी कई परिवार ऐसे हैं, जो आपदा के बीच जोशीमठ में ही रहने को मजबूर हैं। राज्य की बीजेपी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।


अब तक जोशीमठ का नहीं निकला स्थायी समाधान

जोशीमठ में जब मकानों और होटलों में दरारें आई थीं, तब मीडिया का वहां जमावड़ा लग गया था। लेकिन अब जोशीमठ से जुड़ी खबरें मीडिया से गायब हैं। अब कोई खबरें वहां से रिपोर्ट नहीं की जा रही हैं। ऐसा दिखाया जा रहा है कि सबकुछ ठीक हो गया। लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। अभी भी लोग यहां परेशानी से दोचार हो रहे हैं। कुछ दिन पहले राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि जोशीमठ जो तबाही हुई है उसे बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा है। यह बयान उस राज्य के मुख्यमंत्री ने दिया जो अब तक जोशीमठ की तबाही के जद में आ चुके परिवारों का कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढ पाए हैं।

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Published: 06 Feb 2023, 11:36 AM