कोरोना संकट ने आजादी के उल्लास पर भी डाला असर, उत्तर प्रदेश में तिरंगे की बिक्री में भारी गिरावट

ज्यादातर खादी यूनिट में तिरंगे का उत्पादन हर साल मार्च से शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल लॉकडाउन के कारण करीब चार महीने काम ही नहीं हुआ। अब जाकर उत्पादन शुरू भी हुआ तो ऑर्डर नहीं हैं। ऐसे में तिरंगा निर्माताओं के लिए इस बार का स्वतंत्रता दिवस फीका जाता दिख रहा है।

फोटोः IANS
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आईएएनएस

कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूल, कॉलेज और ज्यादातर निजी प्रतिष्ठान बंद हैं, जिसके चलते स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों को लेकर भी अनिश्चितता है। उत्तर प्रदेश में इसका सीधा असर खादी ग्राम उद्योग द्वारा बनाए गए तिरंगों की बिक्री पर पड़ा है, जिसमें इस बार 90 फीसदी तक की गिरावट आई है।

लखनऊ में खादी आश्रम के एक कर्मचारी ने कहा, "हर साल हम राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री में वृद्धि देखते आ रहे हैं। लेकिन इस साल इसकी मांग न के बराबर है। सरकारी कार्यालयों को छोड़कर, अधिकांश निजी प्रतिष्ठान ध्वजारोहण समारोह नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि चूंकि हर कोई घर से काम कर रहा है, ऐसे में समारोह के लिए कर्मचारियों को बुलाने का कोई मतलब नहीं है।"

खादी आश्रम के कर्मचारी ने आगे कहा कि यहां बने तिरंगों की लगभग 70 फीसदी बिक्री स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में होती है, लेकिन इस साल उनकी ओर से अब तक शायद ही कोई ऑर्डर मिला है। लिहाजा कारोबार में 90 फीसदी तक की गिरावट आई है।

इस साल तिरंगे की ब्रिकी में भारी कमी के पीछे एक और कारण एमेजॉन जैसी साइट्स के जरिए तिरंगों की ऑनलाइन बिक्री होना भी बताया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा, "कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण लोग बाजार जाने से बच रहे हैं। इसलिए वे ऑनलाइन खरीदारी ही कर रहे हैं। इससे भी हमारी बिक्री प्रभावित हुई है।"

मेरठ में खादी इकाई के डाइंग और प्रिंटिंग विभाग के मैनेजर भूपिंदर कुमार उपाध्याय ने बताया कि सस्ते सिंथेटिक से बने झंडों की आमद ने भी व्यापार को काफी हद तक प्रभावित किया है। जबकि भारत के संविधान में विशेष रूप से उल्लेख है कि तिरंगे को कपास की खादी से बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब 800 श्रमिक यहां काम करते थे, लेकिन आज केवल सात श्रमिक हैं।

गौरतलब है कि देश की ज्यादातर खादी यूनिट में राष्ट्रीय झंडे का उत्पादन हर साल मार्च से ही शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल लॉकडाउन के कारण करीब चार महीने से उत्पादन ठप है। अब जाकर कई जगहों पर उत्पादन शुरू हुआ है, तो ऑर्डर ही नहीं मिल रहे हैं। अभी तक के ऑर्डर को देखते हुए तिरंगा निर्माताओं के लिए इस बार का स्वतंत्रता दिवस फीका रहने वाला है।

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