कोरोना संकट ने बदली उत्तराखंड में सदियों पुरानी परंपरा, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की बदली तारीख

उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के कपाट इस बार 14 मई को खोले जाएंगे। इसके साथ ही बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 15 मई को सुबह 4 बजे खुलेंगे। इस बात की घोषणा उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को देहरादून में की।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना संकट का प्रभाव चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। संक्रमण को रोकने के लिए तीन मई तक लॉकडाउन किया गया है, जिसे देखते हुए बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथियों में बदलाव किया गया है। केदारनाथ मंदिर के कपाट इस बार 14 मई को खोले जाएंगे। इसके साथ ही बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 15 मई को सुबह 4 बजे खुलेंगे। इस बात की घोषणा उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को देहरादून में की।

उन्होंने बताया कि टिहरी के महाराजा ने देश के मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोनों ही तीर्थ स्थानों को खोले जाने के निर्णय की सूचना उनको दी है। इससे पहले कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर तय होती थी। इस बार भी महाशिवरात्रि के दिन ही दोनों तीर्थ स्थानों के कपाट खोलने की तारीख तय होनी थी। गौरतलब है कि केदारनाथ जी के गद्दी स्थल ओम्कारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में केदारनाथ के रावल भीमाशंकर शिवलिंग, स्थानीय दस्तूरदार और वेदपाठी गणों की मौजूदगी में पंचांग गणना के अनुसार मंदिर के कपाट खोले जाने की परंपरा रही है।


देवभूमि उत्तराखंड में स्थित केदानाथ और बदरीनाथ धाम लोगों की प्रमुख आस्था का केंद्र है। वहीं हिमालय पर्वत की गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिगों में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। वही अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वतों के बीच स्थित बदरीनाथ धाम भी अपनी अनोखी छटा के लिए काफी प्रसिद्ध है।

बता दें कि प्रदेश सरकार और देवस्थानम बोर्ड ने कोरोना संकट को देखते हुए टिहरी राज दरबार से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में परिवर्तन को लेकर राय मांगी थी। जिसके बाद बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की नई तिथि निकाली गई।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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