क्या सिर्फ कोरोना डकार गया 11 लाख करोड़ रुपए, यह हैं शेयर बाजार में खून-खच्चर के असली कारण !

काला गुरुवार, जी हां भारतीय शेयर बाजारों के लिए 12 मार्च गुरुवार का दिन इतिहास में काले गुरुवार के रूप में दर्ज हो गया। इतनी बड़ी गिरावट कभी दर्ज नहीं हुई शेयर बाजार में और लोगों को 11 लाख करोड़ का चूना लग गया। आखिर क्या हैं असली कारण!

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय शेयर बाजारों के लिए गुरुवार का दिन डरावने इतिहास के रूप में दर्ज हो गया। पूरी दुनिया में महामारी के खौफ के बीच कोरोनावायरस देखते-देखते निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपए डकार गया। हालत यह रही कि संभलने के बाद भी सेंसेक्स 2900 अंक और निफ्टी 900 अंक टूट कर बंद हुआ।

कोरोनावायरस का खौफ पूरी दुनिया के साथ अब भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महामारी साबित होता दिख रहा है। गुरुवार को कारोबार शुरु होते ही शेयर बाजार ने ऐसा गोता खाया कि देखते-देखते निवेशकों की कमाई हवा होने लगी। हर सेक्टर में लाल निशान दिखा और अंकों के हिसाब से देखें तो इतिहास में भारतीय शेयर बाजार में इससे पहले एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट कभी दर्ज नहीं हुई।

मोटे तौर पर देखें बाजार में इस गिरावट के तीन बड़े कारण सामने आते हैं:

  • अमेरिका में कोरोनावायरस के चलते ट्रम्प प्रशासन ने 26 यूरोपीय देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके चलते अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोंस एक दिन में ही रिकॉर्ड 1,464 अंक तक गिर गया
  • डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को महामारी घोषित किया: कोरोनावायरस चीन के अलावा दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल गया है। इसके ताजा आंकड़े सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वैश्विक महामारी घोषित कर दिया। इसके बाद दुनिया भर के निवेशकों में घबराहट है
  • तेल संकट: सऊदी अरब और यूएई ने अचानक तेल का उत्पादन बढ़ाने का ऐलान कर दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में तीस फीसदी तक की गिरावचट दर्ज की गई।
  • भारत ने स्थगित किए वीजा: भारत ने सभी प्रभावित देशों से भारत आने वाले लोगों के वीजा को करीब एक महीने के लिए स्थगित कर दिया, इससे एयरलाइंस और टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा घाटा होने की आशंका बढ़ गई है, जिसका असर बाजार पर दिखा

इन कारणों के चलते देश के शेयर बाजारों में खून-खच्चर हो गया और सेंसेक्स और निफ्टी 8 फीसदी से भी ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए। स्थिति यह रही कि निफ्टी की शीर्ष 50 कंपनियों में से 27 कंपनियां अपने एक साल से भी निचले स्तर पर पहुंच गईं।

रुपया भी टूटा

शेयर बाजार में गिरावट के साथ ही रुपए ने भी गहरा गोता लगाया और एक डॉलर की कीमत करीब 75 रुपए तक पहुंच गई जो अभूतपूर्व है। रुपया में गिरावट लगातार जारी है।

सबसे ज्यादा मार मीडिया शेयरों पर

जिन क्षेत्रों में गुरुवार की गिरावट का सर्वाधिक असर हुआ उसमें मीडिया क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके अलावा मेटल, सरकारी बैंक, रियल्टी और ऑटो सेक्टर की स्थिति भी खराब रही। इन सभी क्षेत्रों में शेयरों को दाम एक साल के निचले स्तर के आसपास पहुंच गए। इसके अलावा वित्तीय सेवाओं और फ्रिज-टीवी आदि बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज हुई।

ध्यान रहे कि कोरोनावायरस से दुनिया भर में करीब 4 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और करीब सवा लाख लोग इससे संक्रमित हैं। भारत में हालांकि इसके सिर्फ 73 मामले ही अभी तक सामने आए हैं।

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