कर्नाटक में कोरोना का कहर, तिब्बती बस्ती शिविर में 23 लोग पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

बाइलाकुप्पे धर्मशाला के बाद तिब्बत के बाहर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तिब्बती बस्ती है। यह मैसूर शहर से 80 किलोमीटर दूर स्थित है। इस बस्ती में सभी प्रमुख तिब्बती बौद्ध परंपराओं में कई मठ और मंदिर हैं जो पूरे भारत में बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

पिछले 24 घंटों में मैसूर जिले के बाइलाकुप्पे में तिब्बती लामा शिविर में 23 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए। आवासीय कैंप को सील कर दिया गया है और सभी कोविड पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेट कर दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शरथ ने स्थिति का जायजा लेने के लिए तिब्बती शिविर का दौरा किया। शिविर में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए और सावधानी बरतने के लिए बस्ती के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

बाइलाकुप्पे धर्मशाला के बाद तिब्बत के बाहर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तिब्बती बस्ती है। यह मैसूर शहर से 80 किलोमीटर दूर स्थित है। इस बस्ती में सभी प्रमुख तिब्बती बौद्ध परंपराओं में कई मठ और मंदिर हैं जो पूरे भारत में बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कोविड के प्रकोप के बाद अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं।

इसके अलावा कोविड संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे केरल में सबरीमाला यात्रा से लौटने वालों का आरटी-पीसीआर परीक्षण करें, खासकर मैसूर जिले के गांवों में। अधिकारियों को उन व्यक्तियों पर 10 दिनों तक निगरानी रखने का भी निर्देश दिया जाता है क्योंकि केरल में अभी भी कोविड संक्रमण की दर अधिक है।


इस बीच, कर्नाटक सरकार ने बुधवार को एक और सकरुलर जारी कर उच्च जोखिम वाले देशों से अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईएएल), मंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और राज्य के अन्य हवाई अड्डों के परिसर में आरटी-पीसीआर परीक्षण करवाना अनिवार्य कर दिया है। इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी थी और ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाने के मद्देनजर सभी हवाई अड्डों पर कड़ी निगरानी की जा रही है।

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