अब उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पहुंचा कोरोना, अभी सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत

उत्तर प्रदेश के शहरी और ए-श्रेणी के शहरों में कुछ हद तक कोरोना वायरस का प्रसार स्थिर हो गया है लेकिन अब यह ग्रामीण इलाकों में फैलता नजर आ रहा है। कन्नौज, औरैया, फरुर्खाबाद, उन्नाव, इटावा, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, बस्ती और अयोध्या जैसे जिलों में अब अधिक कोरोना मामलों रिपोर्ट हो रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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आईएएनएस

उत्तर प्रदेश के शहरी और ए-श्रेणी के शहरों में कुछ हद तक कोरोना वायरस का प्रसार स्थिर हो गया है लेकिन दिल्ली की सीमा से लगे जिलों के अब ग्रामीण इलाकों में फैलता नजर आ रहा है। कन्नौज, औरैया, फरुर्खाबाद, उन्नाव, इटावा, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, बस्ती और अयोध्या जैसे जिलों में अब अधिक कोरोना मामलों रिपोर्ट हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि यह मुख्य रूप से प्रवासी श्रमिकों की वापसी के कारण हुआ है। उनमें भी विशेष रूप से वे जो मेडिकल स्क्रीनिंग से बच गए थे या उन लोगों में जिनमें कोई लक्षण नहीं थे। उदाहरण के लिए कन्नौज में गुरुग्राम से लौटी एक मां-बेटी की जोड़ी ने छिबरामऊ की गल्ला मंडी क्षेत्र में अपने परिवार के 10 सदस्यों को संक्रमित किया, जो अब ग्रीन जोन से ऑरेंज जोन में बदल गया है। बता दें कि कन्नौज में मंगलवार को 12 मामले दर्ज हुए थे।


बुधवार को 3 और व्यक्तियों में फरुर्खाबाद में कोविड-19 परीक्षण पॉजिटिव आया है। औरैया में 5, उन्नाव में 5 और इटावा में 4 रोगियों का पता चला है। कन्नौज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कृष्णा स्वरूप ने कहा, "बड़े पैमाने पर शहर से गांवों में आए प्रवासियों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और जहां तक निगरानी का संबंध है, यहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है। समुदायिक प्रबंधन की मदद से संक्रमित लोगों को घर से बाहर रखा जा रहा है या अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।"

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में स्थिति भयावह है जहां अधिकांश लोग एक ही कुआं या हैंडपंप का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जो लोग गांवों में लौट आए हैं, वे सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे हैं। ज्यादातर मामलों में लक्षण भी नहीं दिख रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा, शादी का मौसम शुरू हो रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना मुश्किल होगा।"

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